अयोध्या भूमि विवाद पर भाजपा का SC में नया पैंतरा संकीर्ण सोच का विवादित कदम है: मायावती
लखनऊ: केन्द्र में बीजेपी की वर्तमान सरकार को केवल जातिवादी, साम्प्रदायिक व धार्मिक उन्माद, तनाव व हिंसा आदि के साथ-साथ संकीर्ण राष्ट्रवाद की नकारात्मक व घातक नीति व कार्यकलापों के आधार पर संविधान मंशा विरोधी तरीके से सरकार चलाने का आरोप लगाते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, मायावती ने कहा कि इनका अयोध्या भूमि विवाद के सम्बंध में अधिग्रहित भूमि का भूभाग रामजन्म भूमि न्यास को वापस लौटाने हेतु सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने की कल की कार्रवाई भी जबर्दस्ती सरकारी हस्तक्षेप के साथ-साथ लोकसभा आमचुनाव से पूर्व चुनाव को प्रभावित करने की नीयत वाला संकीर्ण सोच का विवादित कदम है जिससे देश की आमजनता को बहुत ही सावधान रहने की ज़रूरत है।
अयोध्या मामले पर केन्द्र सरकार की कल की ताजा कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने कहा कि देश में जबर्दस्त गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी व अशिक्षा आदि के सम्बन्धित व्यापक जनहित, जनकल्याण व देशहित से जुड़े राष्ट्रीय समस्याओं तथा बहु-चर्चित इनके ’’विकास’’ के मामले में भी बुरी तरह से केन्द्र सरकार की विफलताओं के साथ-साथ इनकी घोर चुनावी वादाखिलाफी के कारण देश की सवा सौ करोड़ आमजनता का विश्वास खोकर इनमें बदनाम भी हो चुकी बीजेपी सरकार के पास अब इनका अयोध्या व धर्म के अन्य मामलों का गलत व राजनीतिक इस्तेमाल का आखिरी हथकण्डा बाकी रह गया था जो बीजेपी अब पूरी तरह से इस्तेमाल करने में लग गई है। इनके इसी प्रकार की राजनीति से देश की जनता बुरी तरह से पीड़ित, प्रताड़ित व त्रस्त है, लेकिन बीजेपी को अभी भी लगता है कि यही अब इनके पास आखिरी हथकण्डा मात्र बचा है और वह इस प्रकरण में तरह-तरह से हांथ-पाँव मारने में लगी हुई है।
मायावती ने कहा, बीजेपी को अब यह भी लग गया है कि उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. व समाजवादी पार्टी के गठबंधन के कारण वह केन्द्र की सत्ता में दोबारा वापस आने वाली नहीं है। इससे भी घबराकर व बौखलाहट में केन्द्र व उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार अब वह सभी हथकण्डे इस्तेमाल करने में लग गई है, बीजेपी सरकार का कल का सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया कदम एक गलत सरकारी हस्तक्षेप वाला गै़र-संवैधानिक कदम लगता है जिसमें संकीर्ण राष्ट्रवाद साफ तौर पर उसी प्रकार से निहित है |