कार्ति चिदंबरम को SC की फटकार
कहा, कानून से मत खेलो, ED के सामने पेश हो
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को न्यायालय की रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपए जमा कराने की शर्त पर विदेश जाने की बुधवार को अनुमति प्रदान की। साथ ही न्यायालय ने उन्हें कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने की चेतावनी देते हुए आईएनएक्स और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच में सहयोग करने की हिदायत दी।
शीर्ष अदालत ने कार्ति से आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों में पूछताछ के लिए पांच, छह, सात और 12 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, 'आपको 10 से 26 फरवरी के बीच जहां जाना हो वहां जाएं, लेकिन पूछताछ में सहयोग जरूर करें। कृपया अपने मुवक्किल से कहें कि उन्हें सहयोग करना होगा। आपने सहयोग नहीं किया है। हम बहुत कुछ कहना चाहते हैं। हम उन्हें अभी नहीं कह रहे हैं।' शीर्ष अदालत ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय से वह तारीख बताने के लिए कहा था जिस दिन वह कार्ति से पूछताछ करना चाहता है।
पीठ ने शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के यहां कार्ति को 10 करोड़ रुपए जमा कराने के साथ ही लिखित में यह आश्वासन देने का निर्देश दिया कि वह वापस आएंगे और जांच में सहयोग करेंगे। कार्ति ने 10 से 26 फरवरी और फिर 23 से 31 मार्च के बीच विदेश जाने की अनुमति मांगी थी।
पीठ कार्ति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने 'टोटस टेनिस लिमिटेड' कंपनी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति मांगी थी। 'टोटस टेनिस लिमिटेड' का कार्यालय ब्रिटेन में पंजीकृत है। याचिका के इस अनुरोध का प्रवर्तन निदेशालय ने विरोध किया है। याचिका के अनुसार, कार्ति पूर्व खिलाड़ी और वर्तमान प्रशासक के रूप में इससे संबद्ध हैं।
पीठ ने सोमवार को कहा था कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि कार्ति जांच एजेन्सी के समक्ष पेश हों और टेनिस के लिए भी जाएं। साथ पीठ ने आगाह किया था, 'यदि बचने की कोशिश करेंगे तो उनके लिए कोई टेनिस नहीं होगा।' शीर्ष अदालत इससे पहले कार्ति की याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इंकार कर चुकी थी। न्यायालय ने जानना चाहा था कि कार्ति कौन हैं? आप कह रहे हैं कार्ति चिदंबरम? उसे वहीं रहने दें जहां है। हमारे पास फैसला करने के लिए और महत्वपूर्ण काम हैं।
कार्ति आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं जिनकी जांच प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो कर रहा है। इनमें से एक मामला पी चिदंबरम के वित्त मंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रूपए की धनराशि प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से जुड़ा हुआ है।