फिल्मों, टीवी सीरियलों में लखनऊ की नकारात्मक छवि के खिलाफ आदाब फाउंडेशन ने उठाई आवाज़
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री, CBFC को लिखा पत्र, फिल्म इंडस्ट्री को निर्देश जारी करने की मांग
लखनऊ: आदाब फाउंडेशन के संस्थापक एडवोकेट हसन याक़ूब ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री व केंद्रीय फिल्म प्रमारण बोर्ड (CBFC) को पत्र लिखकर इस बात की मांग की है कि फिल्मों और टीवी सीरियलों के माध्यम से ख़राब की जा रही उत्तर प्रदेश विशेषकर लखनऊ की छवि के बारे में संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाय |
श्री हसन याक़ूब ने कहा काफी समय से फिल्मों और टीवी सीरियलों में ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ हिंसा, अनैतिकता, डकैती, गुंडागर्दी आदि का बोलबाला है| उन्होंने कहा दुनिया में लखनऊ की एक पहचान है, इस शहर को तहज़ीब और अदब का शहर कहते हैं, यहाँ की संस्कृति, पहनावा, खाना, भाषा, गंगा जमनी तहज़ीब की लोग मिसाल देते हैं लेकिन कुछ फिल्मों और टीवी सीरियलों ने लखनऊ की कुछ और ही छवि पेश की है | उन्होंने टीवी सीरीज़ 'मिर्ज़ापुर', 'रंगबाज़', गुनाहों का देवता' और फ़िल्म 'बुलेट राजा' और 'इश्क़ज़ादे' आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि इन फिल्मों और टीवी सीरियलों के कारण लोगों में उत्तर प्रदेश विशेषकर लखनऊ के बारे में निगेटिव इमेज बन रही है |
श्री याक़ूब ने अपने पत्र में लिखा कि एक तरफ तो यूपी सरकार इन्वेस्टर्स को राज्य में निवेश के लिए एक बेहतर माहौल देने की कोशिश रही है ताकि प्रदेश में विकास गति पकड़े, रोज़गार के मौके बढ़ें और पूरे देश और विश्व में उत्तर प्रदेश की अच्छी पहचान बने, दूसरी तरफ इस तरह की फिल्में और टीवी सीरियल उत्तर प्रदेश की इमेज अच्छी बनने की राह में बाधक साबित हो रही हैं | आदाब फाउंडेशन ने सरकार से अपील की है की वह इस मामले में CBFC और फिल्म इंडस्ट्री को निर्देश जारी करें कि वह उत्तर प्रदेश विशेषकर तहज़ीब व नफ़ासत व नज़ाकत के शहर लखनऊ की नकारात्मक छवि पेश न करें |