चंदा कोचर के खिलाफ FIR दर्ज करने वाले CBI अफसर का ट्रांसफर
नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े 3,250 करोड़ रुपये ऋण मामले में एफआईआर दर्ज करने वाले सीबीआई अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। मामले में सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसके बाद यह ट्रांसफर हुआ है।
सुधांशु धर मिश्रा सीबीआई दिल्ली के बैंकिंग और प्रतिभूति धोखाधड़ी सेल के पुलिस अधीक्षक थे। अब उन्हें CBI की रांची, झारखंड में आर्थिक अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने 22 जनवरी को आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर, वेणुगोपाल धूत और अन्य के खिलाफ एफआईआर पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके अगले दिन उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
24 जनवरी को सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके व्यवसायी पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के एमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक द्वारा ऋणों की मंजूरी में कथित अनियमितता के एक मामले में केस दर्ज किया था।
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चंदा कोचर मामले में सीबीआई को निशाने पर लिया। उन्होंने सीबीआई को दुस्साहस से बचने तथा सिर्फ दोषियों पर ध्यान देने की नसीहत दी। अमेरिका में इलाज करा रहे जेटली ने ट्वीट किया कि भारत में दोषियों को सजा मिलने की बेहद खराब दर का एक कारण जांच और पेशेवर रवैए पर दुस्साहस एवं प्रशंसा पाने की आदत का हावी हो जाना है। उन्होंने कहा, 'पेशेवर जांच और जांच के दुस्साहस में आधारभूत अंतर है। हजारों किलोमीटर दूर बैठा मैं जब आईसीआईसीआई मामले में संभावित लक्ष्यों की सूची पढ़ता हूं तो एक ही बात दिमाग में आती है कि लक्ष्य पर ध्यान देने के बजाय अंतहीन यात्रा का रास्ता क्यों चुना जा रहा है? यदि हम बैंकिंग उद्योग से हर किसी को बिना सबूत के जांच में शामिल करने लगेंगे तो हम इससे क्या हासिल करने वाले हैं या वास्तव में नुकसान उठा रहे हैं।'
सीबीआई के एफआईआर में कथित अनियमितता में चंदा कोचर की भूमिका को तब से दर्शाया गया है, जब उन्होंने 1 मई 2009 को अपना पदभार ग्रहण किया था। सीबीआई जांच के अनुसार, धूत की पांच कंपनियों को 3,250 करोड़ के ऋण देने को लेकर आईसीआईसीआई बैंक के बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करने और भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत शिकायत प्राप्त हुई।