सिद्धगंगा मठ के प्रमुख रहे शिवकुमार स्वामी की अनदेखी की: जेडीएस

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न की घोषणा होने के बाद इस पर राजनीति भी होने लगी है। खासकर कर्नाटक में जेडीए-कांग्रेस विधायक चुनी गईं शख्सियतों पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर सिद्धगंगा मठ के प्रमुख रहे शिवकुमार स्वामी की अनदेखी की है।

जेडीएस विधायक दानिश अली का कहना है, ‘‘अगर आप भारत रत्न देना चाहते हैं तो डॉ. शिवकुमार स्वामी को क्यों नहीं चुना? उन्होंने तो नानाजी देशमुख से काफी ज्यादा सामाजिक कार्य किए हैं। क्या उनकी अनदेखी की वजह सिर्फ उनकी विचारधारा अलग होना है?

कर्नाटक कांग्रेस का कहना है कि बार-बार मांग करने के बाद भी डॉ. शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न से नवाजा नहीं गया। कांग्रेस ने इस संबंध में ट्वीट भी किया। उनका दावा है कि हमारी इस मांग का समर्थन कर्नाटक बीजेपी भी कर रही है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने स्वामी जी के योगदान को भुला दिया। पार्टी ने केंद्र सरकार से पुनर्विचार करके शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न सम्मान देने की अपील की है।

कर्नाटक में कांग्रेस के समर्थन से सरकार चला रही जेडीएस ने प्रणब मुखर्जी के नाम पर भी ऐतराज जताया। जेडीएस के महासचिव दानिश अली ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्य की बात है कि बीजू पटनायक और कांशीराम से पहले प्रणब मुखर्जी को सर्वोच्च सम्मान के लिए चुना गया। क्या पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न के लिए सिर्फ इसलिए चुना गया, क्योंकि वे आरएसएस के मुख्यालय गए थे?’’

डॉ. शिवकुमार स्वामी सिद्धगंगा मठ के प्रमुख थे। कुछ दिन पहले ही 111 साल की उम्र में उनका देहांत हुआ। कर्नाटक के राजनीतिक दल भारत रत्न के लिए उनका नाम प्रस्तावित कर रहे हैं।