देश में अभी सिर्फ एक ही संस्थान है जिसे आरएसएस कहते हैं: राहुल
भुवनेश्वर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ओडिशा से मिशन 2019 की औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने सभी मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा और इसके साथ ही अपनी रणनीति का भी जिक्र किया। ये बात अलग है कि उनके निशाने पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ था। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस, बीजेपी के जरिए सभी संस्थाओं को खत्म करने पर आमादा है। उनकी सिर्फ और सिर्फ मंशा है कि सत्ता का एक केंद्र बना रहे। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आप देख सकते बैं कि साउथ ब्लॉक हो या नॉर्थ ब्लॉक हर तरफ ओएसडी की नियुक्तियां नागपुर से संचालित हो रही है।
कांग्रेस पार्टी समावेशी विचारधारा में भरोसा करती है। कांग्रेस का मानना है कि भारत जैसे देश में रेडिकल विचारों के लिए जगह नहीं है। लेकिन आरएसएस सधी हुई रणनीति के साथ देश के बहुभाषी, बहुधर्मी विचारों पर हमला कर रही है। संस्थानों का गला घोंटा जा रहा है। लेकिन कांग्रेस इस तरह के किसी प्रयास को कामयाब नहीं होने देगी।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि बीते साढ़े चार सालों में सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं किया. राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और संघ ने अभी तक जो मुझे गालियां दी हैं, उससे मुझे काफी फायदा हुआ है. मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, मगर उनकी और मेरी विचारधारा अलग है, मैं उनसे लड़ता रहूंगा. राहुल ने कहा कि आप मुझसे कितनी भी नफरत करें, लेकिन मैं आपसे प्यार से ही बात करूंगा.
राहुल गांधी से एक सवाल पूछा गया कि आपने लोकतांत्रिक संस्थानों को सरकार द्वारा बर्बाद करने की बात कही थी, तो इस पर राहुल गांधी ने जवाब में कहा कि अभी देश में सिर्फ एक ही संस्थान है जिसे आरएसएस कहते हैं. यह बीजेपी की मां है. यह देश के अन्य सभी संस्थान पर हावी है. कांग्रेस यह नहीं मानती कि संस्थान को स्वतंत्र नहीं छोडना चाहिए. हमें लगता है हर संस्थान की अपनी पहचान है और उसे इतनी स्वतंत्रता होनी चाहिए जिससे वह देश और अपनी बेहतरी के लिए बेहतर काम कर पाए. लेकिन बीजेपी की माइंडसेट अलग है. वे सभी पर अपनी दादागिरी साबित करना चाहते हैं.