महाराष्ट्र: सभी राजनीतिक दलों की परेशानी बढ़ाएगा ‘महाराष्ट्र क्रांति सेना’ का यह फैसला
मुंबई: देश भर में लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. इन सबके बीच लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में एक राजनीतिक दल की एंट्री हुई है. इस राजनीतिक दल का ऐलान बीते साल नवंबर में मराठा आरक्षण की मांग के दौरान हो गया था.
यह राजनीतिक दल मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों के एक हिस्से ने बनाया था. इस दल का नाम 'महाराष्ट्र क्रांति सेना' है. पार्टी ने ऐलान किया है कि वह महाराष्ट्र की सतारा सीट को छोड़कर बाकी सभी 47 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. फिलहाल पार्टी की ओर से 14 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान भी कर दिया गया है.
कोल्हापुर में एक प्रेस वार्ता के दौरान पार्टी के अध्यक्ष सुरेशददा पाटिल ने इसकी जानकारी दी. नवंबर 2018 में सुरेश पाटिल ने कहा था कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने ऐतिहासिक रायरेश्वर मंदिर में नया राजनैतिक दल बनाने और समुदाय के लिए काम करने का संकल्प लिया है. वहीं पर छत्रपति शिवाजी ने 17 वीं शताब्दी में 'स्वराज्य' का गठन करने का संकल्प लिया था. उन्होंने कहा कि सकाल मराठा समाज (एसएमएस) और मराठा क्रांति मोर्चा (एमकेएम) जैसे मराठा संगठन नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं.
पाटिल ने कहा था, ' हम अपने राजनैतिक दल के नाम में 'मराठा' शब्द का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि वे (एसएमएस और एमकेएम) हमारे बारे में आशंका त्याग देंगे और पार्टी में शामिल होंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि सतारा से राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के सांसद उदयनराजे भोंसले और छत्रपति शिवाजी के वंशज ने महाराष्ट्र क्रांति सेना को समर्थन दिया है. पाटिल ने कहा था, 'हमें उम्मीद है कि वह हमारे टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.'