हैकर के दावे के बाद EVM पर सियासत गरमाई
कांग्रेस बोली, कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे चुनाव आयोग
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को हैक करने संबंधी एक साइबर विशेषज्ञ के दावे पर कांग्रेस ने कहा कि ईवीएम से जुड़े संदेह को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे.
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि हमने लंदन की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में देखा और सुना है. शनिवार को कोलकाता में सभी दलों ने ईवीएम का मुद्दा उठाया था, सभी इसको लेकर चिंतित हैं. हम चाहते हैं कि चुनाव पेपर बैलेट से हों. सभी EVM में VVPAT हो और कम से कम 50 प्रतिशत VVPAT पर्चियों की गिनती हो. उन्होंने कहा कि हम साइबर विशेषज्ञ की प्रेस कॉन्फ्रेंस की न तो पुष्टि कर सकते हैं, न ही खंडन. लेकिन काफी गम्भीर सवाल उठाए गए हैं.
सिंघवी ने कहा कि EVM को लेकर कई आशंकाएं हैं. कांग्रेस का इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से कोई लेना देना नहीं है. सिब्बल को आमंत्रित किया गया था इसलिए गए थे, लेकिन वे कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हम 2019 के चुनाव में पेपर बैलेट की मांग नहीं कर रहे. समय कम है, हम चाहते हैं 50 फीसदी VVPAT हो. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो गंभीर बातें उठाई गई हैं, सरकार उसकी जांच कराए.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दुनिया में कुछ चुनिंदा देशों में ईवीएम का उपयोग हो रहा है. कुछ देशों में जहां इसका उपयोग हो रहा था, वहां अब नहीं हो रहा है. हम चाहते थे कि मतपत्रों से चुनाव हों, लेकिन अब दो-तीन महीने का समय है इसलिए फिलहाल मतपत्रों से चुनाव संभव नहीं है.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘आपको पता है कि कुछ मशीनों से खिलवाड़ किया जाता है. आंशिक रूप से किया जाता है. अगर लोकतंत्र में ईवीएम को लेकर इतना भयावह संदेह है तो इस संदेह को हटाने के लिए 50 फीसदी पर्चियों का मिलान होना चाहिए.'' सिंघवी ने कहा कि साइबर विशेषज्ञ के दावे को देखने के बाद ही वह इस पर टिप्पणी करेंगे.
गौरतलब है कि अमेरिका में राजनीतिक शरण चाहने वाले एक भारतीय साइबर विशेषज्ञ ने सोमवार को दावा किया कि भारत में 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के जरिए ‘धांधली' हुई थी. उसका दावा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है. स्काईप के जरिए लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शख्स ने दावा किया कि 2014 में वह भारत से पलायन कर गया था क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने की घटना के बाद वह डरा हुआ था. शख्स की पहचान सैयद शुजा के तौर पर हुई है.