कृत्रिम फेफड़े ने पर्यावरण को मुख्य मुद्दे के रूप में रेखांकित किया
सभी राजनैतिक दलों ने किया समर्थन, 2019 के चुनावी घोषणा पत्रों में वायु प्रदूषण होगा अहम् मुद्दा
लखनऊ: 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान और डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर के द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन यू पी प्रेस क्लब में किया गया. इस प्रेस वार्ता को एकता शेखर, वरिष्ठ कैम्पेनर 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान, डॉ सूर्य कान्त, संयोजक डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर और ताहिरा हसन, सामाजिक कार्यकर्ता ने संबोधित किया. ज्ञात हो कि पिछले सप्ताह 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान द्वारा लखनऊ शहर के लालबाग़ क्षेत्र में एक सफेद कृत्रिम फेफड़े को स्थापित किया गया था जो 24 घंटों के भीतर ही वायु प्रदूषण के प्रभाव से काला पड़ गया.
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए एकता शेखर ने कहा “बिलकुल सफेद फेफड़ों का 24 घंटों में काला हो जाना इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण अब एक अहम् सवाल बन चुका है. 7 दिवसीय यह अभियान आम जनता से लेकर जन प्रतिनिधियों के बीच जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से काफी सफल रहा. मुख्य धारा के सभी राजनितिक दलों की ओर से इस अभियान को समर्थन मिला है और सभी दलों ने 2019 के आम चुनावों में अपने घोषणा पत्र में इस विषय को शामिल करने का आश्वासन दिया है. विद्युत् वाहन, सौर ऊर्जा और कचरा निस्तारण जैसे तीन प्राथमिक समाधान अपना कर हम पुरे उत्तर भारत से वायु प्रदूषण को ख़त्म कर सकते हैं. साथ ही, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना की घोषणा स्वागत योग्य कदम है, लेकिन इसे और धारदार बनाए जाने और विधिक रूप से बाध्यकारी बना कर क्रियान्वित करने की जरूरत है.”
प्रेस वार्ता के दौरान डॉ सूर्य कान्त ने कहा “काले हुए फेफड़ों ने महज 24 घंटों में ही स्वास्थ्य आपातकाल को साबित कर दिया. लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में 2 लाख 60 हजार मौतें केवल वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से हुईं. यूनिसेफ के अनुसार, प्रदेश में कूल 4 नवजात बच्चे प्रति घंटे वायु प्रदूषण के असर से मारे जाते हैं. उत्तर भारत के सभी अस्पताल श्वसन सम्बंधित बीमारियों से जूझ रहे मरीजों से भरे पड़े हैं. केजीएमयू में पूरे प्रदेश से मरीजों का आना बताता है कि वायु प्रदूषण किसी शहर या क्षेत्र विशेष की नहीं, पुरे प्रदेश के समस्या है. यह स्थिति हर वर्ष बनती है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि वायु प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए आम जनता और सरकार मिल कर जरूरी और सख्त कदम उठाये.’’
प्रेस वार्ता में ताहिरा हसन ने कहा “देश भर में स्वच्छ भारत अभियान जोर शोर से चलाया जा रहा है. लेकिन, स्वच्छ हवा के सवाल को स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा नहीं बनाया गया. केवल सड़को को चमकाने पर सारा ध्यान लगाने से ही वायु प्रदूषण का संकट और गंभीर बनाता जाएगा. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना के माध्यम से स्वच्छ हवा को मूलभूत अधिकार घोषित करना चाहिए. साथ ही, सरकारों के द्वारा अपनाई जा रही कोशिशों में आम जनता को भी सहयोग करना होगा. वायु प्रदूषण एक वैश्विक सवाल है, जो अकेले किसी संस्था, अभियान, जनता या सरकार की पहल से हल नहीं होगा. सभी को कंधे से कंधा मिला कर चलना होगा. सार्वजनिक परिवहन और सौर ऊर्जा के भरपूर उपयोग से हर व्यक्ति वायु प्रदूषण को कम करने में सहायता कर सकता है.’’
ज्ञात हो कि सात दिवसीय इस कार्यक्रम के दौरान समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस, अपना दल (एस) और प्रगतीशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान को अपना समर्थन दिया. अभियान दलों के द्वारा इन दलों के दफ्तर में की गयी मुलाकातों में नेताओं ने 2019 के आम चुनाव में अपने घोषणा पत्र में इस विषय को प्रमुख स्थान देने का वायदा किया.
बताते चलें कि कृत्रिम फेफड़ों के साथ इस अभिनव प्रयोग को सबसे पहले झटका नामक संस्था ने बंगलुरु में किया था, जहां इन्हें काले होने में 18 दिन लगे थे. इसके बाद हेल्प डेल्ही ब्रीद अभियान ने इसे दिल्ली में किया जहां इसे काले होने में 6 दिन लगे थे. आने वाले समय में, 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान से जुड़े सहयोगी संगठन व संस्थाएं इसे उत्तर भारत के अन्य शहरों में भी आयोजित करेंगे.