कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुँचाने के लिए हो रहा है बैंको का विलय: का० दिलीप चौहान
सभी बड़े बकायेदारों के नाम सार्वजनिक किये जाये, जिससे कोई भी बैंक उन्हें नया ऋण न दे सके
लखनऊ। ‘‘बैंकों के विलय से बैंको एवं समाज को भी क्षति पहुँचना तय है। यदि इन राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय किया गया तो इसका सीधा असर देश की मध्यम वर्ग की जनता पर पड़ेगा‘‘ यह विचार आज एक प्रेस वार्ता में काम0 दिलीप चौहान, महासचिव, आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फ़ेडरेशन, उ0प्र0 इकाई ने तीन बैंकों के विलय के बारे में व्यक्त किये। श्री चैहान ने कहा आज देश के मध्यम वर्ग के रोजगार का मुख्य साधन, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रहे है. केन्द्र सरकार द्वारा बैंको के विलय से मध्यम वर्ग पर तो चोट होगी ही, दूसरी तरफ इन बैंकों से ऋण लेने वाले बड़े-बड़े कार्पोरेट घरानों को इस विलय से लाभ मिलेगा। उन्होने वेतन समझौते के बारे में बताया कि वित्तमंत्रालय ने 12 जनवरी 2016 को आईबीए को निर्देश दिये थे कि बैंकों में वेतन समझौते पर शीघ्र वार्ताकर इसे 1 नवम्बर 2017 से लागू किया जाय परन्तु 24 महीने बीत जाने के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला है।
काम0 दिलीप चौहान ने आगे बताया-‘आईबीए पिल्लई कमेटी की संस्तुतियों पर भी ध्यान नहीं दे रही है जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि बैंक अधिकारियों का वेतन सिविल सर्विसेज आफिसर के समान होना चाहिए।‘ उन्होंने बताया कि हमारे मांग पत्र में न्यूनतमवेतन, कोर बिजनेस, एनपीए वसूली, चिकित्सा सुविधाओं में कटौती तथा स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम में बढ़ोत्तरी, नई पेंशन स्कीम को समाप्त करना, पेंशन अद्यतन पुनरीक्षण करना एवं पारिवारिक पेंशन में सुधार तथा 3 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व ग्रामीण बैंकों के विलय का विरोध के साथ बैंक अधिकारियों पर पूरे देश में हो रहे हमले आदि मुद्दे शामिल हैं।
इस अवसर पर इलाहाबाद बैंक अधिकारी संघ के प्रदेश सचिव का0 रामनाथ शुक्ला ने कहा -‘सभी बड़े बकायेदारों के नाम सार्वजनिक किये जाये, जिससे कोई भी बैंक उन्हें नया ऋण न दे सके। नाम सार्वजनिक न करने की दशा में एवं बैंको के विलय करने पर तथा 25 प्रतिशत से कम वेतन वृद्वि के आफर पर हम बड़े संघर्ष करने हेतु बाध्य होंगे।’ यूनियन बैंक अधिकारी संघ के सचिव का0 विनय श्रीवास्तव ने कहा कि-‘बैंक आॅफ बड़ौदा, विजया बैंक व देना बैंक के विलय की घोषणा 17 सितम्बर, 2018 को सारे नियम व संसद को ताख पर रखकर की गईं। प्रेसवार्ता में बैंक अधिकारी संगठन नेताओं का0 जी.पी. त्रिपाठी, महामंत्री सिन्डीकेट बैंक, का0 शशी कुमार सिंह-विजया बैंक, का0 एस.एस.प्रसाद-देना बैंक, का0 धनन्जय सिंह-केनरा बैंक, का0 संजय सिंह-सेंट्रल बैंक, का0 सौरभ श्रीवास्तव-बैंक ऑफ़ इंडिया, का0 रविन्द्र सिंह, का0 बी.पी.वर्मा ने अपने विचार व्यक्त किये।
मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि मर्जर होने वाली देना बैंक के बर्लिंगटन चौराहा स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर सायंकाल सैकड़ों बैंककर्मियों ने केन्द्र सरकार के विरूद्व प्रदर्शन किया। बैंककर्मियों ने तीन बैंको के मर्जर का विरोध, लम्बित वेतन समझौते, सेवानिवृत्त साथियों की मांगों पर तुरन्त कार्यवाही तथा पुरानी पेन्शन लागू करने की मांग के लिये संघर्ष का आवाह्न किया।