लोकसभा संग्राम 51–सपा-बसपा गठबंधन पर तिलमिलाई मोदी की भाजपा, कुतर्कों की बौछार
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी
राज्य मुख्यालय लखनऊ।मौजूदा दौर में देश की सियासत में हर रोज़ नए समीकरण बन रहे है मोदी की भाजपा भी गठबंधन कर देश में एक फिर सत्ता में वापिस आए इस पर काम कर रही है वही विपक्ष भी गठबंधन कर भाजपा विरोधी वोटों के बँटवारे को रोकने में लगा है इसमें किस की स्ट्रेटेजी कामयाब होती है यह तो लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आने के बाद पता चलेगा लेकिन मोदी की भाजपा व गोदी मीडिया यह प्रचारित करने में लगा है कि विपक्ष नरेन्द्र मोदी को रोकने के लिए ये गठबंधन कर रहा है जबकि यह सच नही है सत्ता में वापिस आने के लिए भाजपा भी अपने साम्प्रदायिक वोटों में प्लस करने के लिए छोटे दलों के साथ लगातार गठबंधन कर रहा है बिहार में 2014 में मात्र दो सीट जीतने वाले नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू के साथ गिर कर गठबंधन किया गया बराबर-बराबर सीट दी गई वही रामविलास पासवान की पार्टी को भी उसके मन मुताबिक सीट दी गई ऐसे ही और राज्य भी है जहाँ मोदी की भाजपा अन्य दलों से गठजोड़ करने का प्रयास कर रही है फिर यह बात कहना कि गठबंधन कर विपक्ष मोदी को हराने का तानाबाना बुन रहा है जो कामयाब नही होगा क्या बात है गठबंधन आप करे तो ठीक और विपक्ष करे तो ग़लत यह बात कहते हुए मोदी की भाजपा को शर्म भी नही आती कि यही काम हम भी तो कर रहे है फिर विपक्ष पर वह हमलावर क्यों है क्या यह बात जनता समझ नही रही है कि यही काम मोदी भी कर रहे है अब हम बताते है कि मोदी के एनडीए में कौन-कौन से दल है भाजपा, शिवसेना महाराष्ट्र , अकाली दल पंजाब, जनता दल यू बिहार नीतीश कुमार,व रामविलास पासवान वाली लोकजन शक्ति पार्टी रोजपा, मिज़ोरम मिजो नेशनल फ़्रंट , यूपी में अनुप्रिया पटेल वाले अपना दल ,राजभर वाली सुहेलदेव समाज पार्टी ,मेघालय की एनपीपी , पुदुच्चेरी की आईएनआरसी , नागालैंड की पीएमके और एनडीपीपी शामिल है वही यूपीए में कांग्रेस , बिहार में लालू की पार्टी राजद ,डीएमके टीडीपी शरद पवार एनसीपी जेडीएस , नेशनल कांफ्रेंस , आरएसपी , जेएमएम , आईयूएमएल , आरएलएसपी , व केरल कांग्रेस शामिल है।व अन्य पार्टियों में सपा कंपनी व बसपा ने गठजोड़ कर लिया है और पार्टियाँ है एआईयूडीएफ, टीएमसी , तेलंगाना राष्ट्र समिति , बीजू जनता दल , वाईएसआर कांग्रेस , लेफ़्ट फ़्रंट , पीडीपी , एआईएमआईएम , आम आदमी पार्टी ,आएनएलडी , जेवीएम पी , एएमएमके , और निर्दलीय अलग से होते है।अब ये हालात है तो फिर ये कहना कहाँ तक उचित है कि विपक्ष गठबंधन मोदी को हराने के लिए हो रहा है हाँ यह बात अलग है कि मोदी की हिटलर शाही के चलते एनडीए से कुछ दल भाग रहे है लेकिन इसका मतलब यह क़तई नही हो सकता कि विपक्ष का गठबंधन नापाक है और मोदी के द्वारा किया गया गठबंधन पवित्र है।पिछले लोकसभा चुनाव में बिखरे विपक्ष का लाभ लेकर सत्ता की दहलीज़ पर पहुँच गई मोदी की भाजपा का चाहना है कि इस बार भी विपक्ष बिखरा रहे और हम एक बार फिर देश की सत्ता पर आसानी से पहुँच सके बस ये कहानी है मोदी की भाजपा की और गोदी मीडिया की। लेकिन इस बार लग रहा कि विपक्ष किसी भी सूरत में मोदी की भाजपा को कोई मौक़ा नही देना चाहता कि उसको बिखरे विपक्ष का लाभ मिल सके उसी से मोदी एण्ड शाह कंपनी घबराई हुई है।ऐसा भी नही है कि विपक्ष मोदी की भाजपा के ख़िलाफ़ ही एकजुट हो रहा है ऐसा ही गठजोड़ कभी कांग्रेस के ख़िलाफ़ भी बनता था जिसका हिस्सा भाजपा भी हुआ करती थी तो फिर यह आरोप तर्कहीन है कि यह गठबंधन मोदी को हराने के लिए हो रहा है।असल में मोदी की भाजपा ने जिस तरह का शासन किया है उससे मोदी की भाजपा घबराई हुई कि जैसे हमने विपक्ष को बोलने नही दिया कही इसी तरह विपक्ष भी सत्ता में आकर हमारे या मेरे ख़िलाफ़ कार्रवाई न करे जबकि राहुल गांधी यह बात पहले ही साफ कर चुके है कि हम किसी से भी भारत मुक्त भारत नही चाहते है।जहाँ तक किसी से या दल संगठन से भारत मुक्त करने की बात है यह करना संभव नही है या कोई बात करे तो उचित नही है यह बात वही करते है जिनका विश्वास देश के संविधान में या लोकतंत्र में न हो।यहाँ सभी रहेंगे और दल भी अपनी नीतियों के मुताबिक काम करते रहेंगे यह बात अलग है कि किसी की नीतियाँ ऐसी हो जो सबको स्वीकार्य न हो बस इतना सा फ़र्क़ और कुछ भी नही।