पसमांदा मुस्लिम समाज ने केंद्र सरकार के फैसले का किया स्वागत: अनीस मंसूरी
लखनऊ: पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्य मंत्री श्री अनीस मंसूरी ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने वाले विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज पिछले 13 प्रतिशत वर्षों से अपने मांग पत्र के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को आरक्षण देने की मांग करता आया हैA पसमांदा मुस्लिम समाज आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो के आरक्षण का समर्थन करता है साथ ही यह भी मांग करता है कि 27 प्रतिशत आरक्षण जो पिछड़े वर्ग के लिया आरक्षित है जिसे पसमांदा मुस्लिम समाज के लोग आर्थिक तंगी और उच्च शिक्षा के आभाव के कारण इसका लाभ नहीं ले पाते है और जिसका सीधा फायदा पिछड़े वर्ग की क्रीम लेयर और कुछ बिरादरियों को मिलता है जबकि पिछड़े वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में से पिछड़े मुसलमानो का आबादी के अनुपात में सच्चर कमेटी के आधार पर 9 प्रतिशत आरक्षण का हक़ बनता है
10 प्रतिशत सवर्णो के आरक्षण का स्वागत है लेकिन विधेयक पारित होने से पूर्व 10 प्रतिशत में से सवर्ण मुसलमानो की आबादी के अनुपात में लगभग 2-5 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण मुसलमानो का आरक्षण अभी से अलग कर देना चाहिए ताकि सवर्ण मुसलमानो का आरक्षण संविधान में सुरक्षित रहे और भविष्य में इनके आरक्षण के अधिकार पर कोई डाका न डाल सके जिस तरह पिछड़े मुसलमानो के आरक्षण कुछ क्रीम लेयर हिन्दू बिरादरियां ले लेती है