आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला रद्द कर सुप्रीम कोर्ट ने दिया मोदी सरकार को झटका
नई दिल्ली: सीबीआई बनाम सीबीआई के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है । तीन जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई छुट्टी पर हैं। इस लिए सिर्फ दो जजों ने इस मामले पर फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आलोक वर्मा को सीवीसी ने जिस तरह छुट्टी पर भेजा है वह असंवैधानिक है। सीबीआई डायरेक्टर को हटाने के लिए एक कमेटी होती है। जिसके बिना ही उन्हें हटा दिया गया। कमेटी में प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस और विपक्ष के नेता होते हैं। इस लिए यह फैसला रद्द किया जाता है।
इस फैसले के रद्द होते ही आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना दोनों ही अपने पद पर वापस आ जाएंगे। कोर्ट ने कहा कि आलोक वर्मा को वापस बहाल किया जाए। लेकिन वह कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले सकेंगे। सीवीसी ने अपनी जांच रिपोर्ट में आलोक वर्मा पर कई आरोप लगाए थे।
जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीवीसी की रिपोर्ट के मुताबिक आलोक वर्मा की जांच की जाए। उच्च स्तरीय कमेटी ही सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटाने का फैसला करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा। मोदी सरकार ने उन्हें और राकेश अस्थाना को झगड़े के बाद छुट्टी पर भेज दिया था। कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को हटाने न हटाने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक बुलाने को कहा है।
ग़ौरतलब है कि सीबीआई के अंदर दो बड़े अधिकारियों के बीच विवाद शुरु हो गया था। सीबीआई के निदेशक यानी नंबर 1 आलोक वर्मा ने सीबीआई के नंबर 2 राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसके जवाब में अस्थाना ने आलोक वर्मा पर 2 करोड़ की घूस लेने का आरोप लगाया था। जिसके बाद सीबीआई (Central Bureau of Investigation) में घमासान मच गया था।
जिसके बाद सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। सीवीसी ने दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने की राय सरकार को दी। सरकार ने केंद्रीय सतर्कता आयोग की बात मानते हुए दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया। साथ ही सीबीआई के नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया गया था।