59 मिनट में ऋण की बात बैंक कर्मियों को बदनाम करने की साज़िश: का0सौम्या दत्ता
आल इंडिया बैंक आफिसर्स कन्फेडरेशन (आयबाॅक) ने किया नेशनल काॅनक्लेव 2019 का आयोजन
लखनऊ। आल इंडिया बैंक आफिसर्स कन्फेडरेशन (आयबाॅक) द्वारा आज सिटी माॅण्टेसरी स्कूल गोमतीनगर में नेशनल काॅन्क्लेव 2019 आयोजित किया गया। काॅन्क्लेव का उद्घाटन काम0 सौम्या दत्ता, राष्ट्रीय महासचिव, आयबाक, काम0 सुनील कुमार, चेयरमैन, आयबाक, द हिन्दू बिजनेस लाइन के चेयर परसन शिशिर सिन्हा, आयबाक सचिव काम0 दिलीप चौहान एवं अध्यक्ष काम0 पवन कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर किया। काॅन्क्लेव में बड़ी संख्या में राजनीति, प्रिन्ट मीडिया व इलेक्ट्रानिक मीडिया, शिक्षा जगत, व्यवसायी, बैंकर्स, सी0ए0, समाजसेवी आदि अनेक क्षेत्रों के शीर्ष स्थापित महानुभावों ने शामिल होकर बैंकिग उद्योग के प्रति अपने विचारों से अवगत कराया।
उद्घाटन सत्र में ‘‘बैंकिग जगत के सामने चुनौतियाॅ ‘‘ पर काम0 सौम्या दत्ता, महामंत्री, आयबाॅक ने कहा कि ‘‘59 मिनट में ऋण कैसे दिया जा सकता है जबकि इतने समय में सभी कागज जाॅचें और परखे नहीं जा सकते परन्तु केन्द्र सरकार जनमानस में ये कहकर बदनाम कर रही है कि बैंककर्मी आपका ऋण पास नहीं करना चाहते हैं।’ इस सत्र में ब्रजेश पाठक, कानून मंत्री, उ0प्र0 सरकार, द हिन्दू बिजनेस लाइन के चेयर परसन श्री शिशिर सिन्हा, आप पार्टी के सासंद संजय सिंह, मीडिया विजिल के संपादक पंकज श्रीवास्तव ने बैंकिंग जगत पर अपनी राय व्यक्त की।
काॅनक्लेव के प्रथम सत्र में ‘‘व्यावसायिक बैंकों को स्वायत्तता‘‘ ‘‘ पर चर्चा की गई जिसमें सी.एन.बी.सी. आवाज के मैनेजिंग एडीटर आलोक जोशी, अतुल मोहन-चार्टर्ड एकाउंटेन्ट, सीनियर जर्नलिस्ट-डा0 उत्कर्ष सिन्हा, अतुल अनजान, सचिव, सीपीआई, काम0 सुनील कुमार, चेयरमैन आयबाक ने अपने विचार रखे। काम0 सुनील ने कहा-‘जब सरकार की सभी योजनायें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको द्वारा ही लागू की जाती है ऐसे में अतिरिक्त कार्य का बैंककर्मियों को उचित इन्सेन्टिव भी दिया जाना चाहिये।‘
काॅनक्लेव के दूसरे सत्र का विषय ‘‘बैंको के विलय एवं निजीकरण का समाज पर प्रभाव‘‘ ‘‘ पर सुनीता ऐरन-सीनियर रेजिडेन्ट एडीटर, हिन्दुस्तान टाइम्स, सिद्वार्थ कलहंस-प्रिन्सिपल करेसपाॅन्डेन्ट, बिजनेश स्टैन्डर्ड, मनीष हिन्दवी-सोसियो इकोनाॅमिस्ट, मुकेश बहादुर सिंह, को-चेयरमैन, पीएचडी चेम्बर आॅफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने बैंको के विलय के प्रभावों से आमजन को अवगत कराया। तीसरे सत्र का विषय ‘‘सामान्य बैंकर के समक्ष चुनौतियां‘‘ ‘ रहा जिसमें वरिष्ठ पत्रकार, आशुतोष शुक्ल, प्रोडयूसर, दैनिक जागरण, लखनऊ विश्वविद्यालय के दो प्रसिद्व व्यक्तियों प्रो0 डा0 मुकुल, एचओडी, डिपार्टमेन्ट आॅफ जर्नलिज्म एवं प्रोफेसर डा0 मनोज, डिपार्टमेन्ट आॅफ इकोनामिक्स, पूर्व वरिष्ठ बैंकर तथा बैंक आॅफ पाॅलमपुर के लेखक श्री वेद माथुर के साथ आईएनसी के स्पोक्स परसन सुरेन्द्र राजपूत ने बैंकर्स की समस्याओं एवं अनछुये पहलुओं को सामने रखा।
समापन सत्र जिसके विषय से देश का सीधा संबंध था-‘देश के उत्थान में बैंको की भूमिका‘ इस पर उ0प्र0सरकार के वित्तमंत्री श्री राजेश अग्रवाल, सुधीर मिश्रा, नवभारत टाइम्स के सम्पादक, इंडिया टुडे (हिन्दी) के चेयरपरसन व सम्पादक अंशुमान तिवारी ने अपने विचार प्रकट किये। इनके साथ आयबाक के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवाशीष घोष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जी0 सुब्रमण्यम ने कहा-‘यदि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंक अर्थव्यवस्था की रीढ़ है तो इन्हें कमजोर करने की साजिश क्यों रची जा रही है।‘
काम0 दिलीप चौहान, सचिव, आयबाॅक, उ0प्र0 इकाई तथा काम0 पवन कुमार, अध्यक्ष आयबाक ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा हम बैंककर्मी व ग्राहकों को समस्याओं को दूर करने के लिये सदैव संघर्षरत रहेंगे। कार्यक्रम का सफल संचालन काम0 सौरभ श्रीवास्तव, एजीएस, उ0प्र0 इकाई ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में विवेक श्रीवास्तव, सौरभ, आर.एन.शुक्ला, शशी कुमार सिंह, विनय श्रीवास्तव तथा कुमारी शालू वासवानी का विशेष सहयोग रहा।