नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता संघप्रिय गौतम के बयान से पार्टी असहज हो सकती है। शनिवार (5 जनवरी) को उन्‍होंने मांग की कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री बनाया जाए। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उत्‍तर प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बनाने का सुझाव भी गौतम ने दिया है। उनके मुताबिक, पार्टी की कमान मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को सौंप देनी चाहिए। वरिष्‍ठ भाजपा नेता ने कहा कि वर्तमान अध्‍यक्ष अमित शाह पूरी तरह से राज्‍यसभा पर फोकस करें।

मीडिया को जारी एक पत्र में, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूपी सीएम योगी आदित्‍यनाथ को धार्मिक कार्य करने के लिए भेजा जाना चाहिए। गौतम ने नरेंद्र मोदी को देश के सबसे बड़े नेताओं में एक मानते हुए कहा कि 2019 में मोदी लहर लौटेगी, इसपर संदेह है। उन्‍होंने कहा, “आगामी आम चुनाव में मोदी मंत्र के दोबारा काम करने की संभावना कम है। पार्टी कार्यकर्ता अकेले में इस बात को मानते हैं और चुपचाप सह रहे हैं।”

गौतम ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ गुस्‍सा फैल चुका है। उन्‍होंने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि अगर अभी चुनाव हो जाएं तो भाजपा कुछ राज्‍यों को छोड़कर सबकी सत्‍ता से बाहर हो जाएगी। योजना आयोग का नाम बदलने तथा सीबीआई, रिजर्व बैंक की कार्यप्रणाली में हस्‍तक्षेप की बात करते हुए गौतम ने अपनी पार्टी के तरीकों की आलोचना की। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तराखंड में एक चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश करना ठीक नहीं था। इसके अलावा मणिपुर और गोवा में किसी भी तरह सरकार बनाना भी सही नहीं था।

इससे पहले, महाराष्‍ट्र में राज्‍य मंत्री का दर्जा प्राप्‍त किशोर तिवारी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर कहा था कि गडकरी को प्रधानमंत्री बना दिया जाए। उन्‍होंने चेताया था कि “अगर पार्टी 2019 का आम चुनाव जीतना चाहती है तो उसे ऐसा करना चाहिए। गडकरी दशकों से भाजपा और संघ के निष्‍ठावान कार्यकर्ता हैं। वे पीएम जैसे उच्‍च पद के लिए सर्वर्था योग्‍य हैं।”

पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद तिवारी ने भागवत को पत्र लिखा था। उन्‍होंने कहा था कि ‘जनविरोधी और किसान विरोधी नीतियों के चलते भाजपा को तीन राज्‍यों में सत्‍ता गंवानी पड़ी।’ हालांकि गडकरी ने ऐसी किसी भी मांग से खुद को पूरी तरह अलग करते हुए नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में पूरा विश्‍वास जताया था।