कार्यकाल के अंतिम महीनों में मोदी जी को याद आये सुहेलदेव: सचिन रावत
लखनऊ: देश के प्रधानमंत्री को साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल के बाद अब जब चुनाव नजदीक आ रहा है तो उन्हें उत्तर प्रदेश की याद सताने लगी है उन्होने जो वादा काशी को क्योटो बनाने का किया था वह शायद याद आने लगा है जिसके चलते अब काशी में ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री को शायद काशी की बेटियों द्वारा खूबसूरत दुपट्टा भेेंट किये जाने के बाद उन्हें यह भी याद आना चाहिए कि उनके ही संसदीय क्षेत्र में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्राओं पर जिस प्रकार बर्बर लाठीचार्ज किया गया और उन्हें जूतों के तले रौंदा गया आज उन्हें पिछले चुनावों के दौरान महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा का जो वादा उन्होने किया था उसे याद करना चाहिए क्योंकि उ0प्र0 की महिलाएं और बेटियां उनके वादे को अभी भी भूली नहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन रावत ने आज जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री का आज गाजीपुर एवं वाराणसी का दौरा वास्तव में विकास के लिए नहीं बल्कि यह शुद्ध रूप से चुनावी दौरा है और इस दौरे में प्रधानमंत्री जी अपने साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल की विफलताओं को छिपाने के लिए जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। सुहेलदेव पर डाक टिकट जारी करने का प्रधानमंत्री का निर्णय सिर्फ और सिर्फ चुनावी लाभ लेने के लिए किया गया है क्योंकि पूरे साढ़े चार वर्ष तक प्रधानमंत्री जी को सुहेलदेव जी याद नहीं आये और अब जब चुनाव करीब में आ रहा है तो उन्हें डाक टिकट जारी करने की सूझ रही है। भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री जी हिन्दू संस्कृति की बात तो करते हैं लेकिन वाराणसी स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की दुर्दशा पर ध्यान नहीं देते है, वहां का आलम यह है कि छात्रों के रहने के छात्रावासों की छतें जीर्ण-शीर्ण हैं, 122 शिक्षकों की कमी है लेकिन साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री जी ने कोई ध्यान नहीं दिया उ0प्र0 में सरकार बनने के बाद 40 करोड़ के बजट के सापेक्ष मात्र 10 करोड़ दिया जा रहा है जो नाकाफी है, इतना ही नहीं वाराणसी का मुख्य स्टेशन कैंट देश का 6ठां सबसे गंदा रेलवे स्टेशन हो गया है। प्रवक्ता ने कहा कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है जैसे जुमले फेंककर प्रधानमंत्री जी मां गंगाजी को साफ करने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं क्येांकि इनकी नियत ही साफ नहीं है जिस प्रकार उद्यमियों और व्यापारियों की नोटबन्दी और जीएसटी से कमर टूट गयी है और छोटे व्यापारी पूरी तरह व्यवसाय की पटरी से उतर चुके हैं ऐसे में प्रधानमंत्री जी द्वारा व्यापारियों और उद्यमियों के लिए जो जुमले फेंके जा रहे हैं वह व्यापारियों के लिए जले पर नमक छिड़कने के समान है। आज साढ़े चार वर्ष से प्रदेश का व्यापारी संघर्ष कर रहा है, गंगांजी की सफाई में करोड़ों-अरबों रूपये खर्च करने के बाद भी आज गंगा जी की सफाई के नाम पर सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है। प्रधानमंत्री जी का यह दौरा प्रदेश के विकास के लिए नहीं बल्कि चुनाव में उतरने के पहले अपनी विफलताओं को छिपाने का एक असफल प्रयास मात्र है।