एक दूजे के हुए ‘हया’ और ‘मारवान’
ग़ैरमुल्की परिवारों ने लखनऊ में शाही ठाठ-बाट से रचाई शादी
तौक़ीर सिद्दीक़ी
लखनऊ : शादी तो यूं भी एक जज़बाती लम्हा और खूबसूरत याद होती है मगर कुछ शादियाँ हक़ीक़त में ऐसी होती हैं जो न सिर्फ़ दुल्हा-दुल्हन और उनकी फॅमिली बल्कि शादी में शरीक मेहमान के दिलो दिमाग़ में ऐसी छाप छोड़ जाती हैं जो बरसों बरकरार रहती है, ऐसी ही एक शादी का गवाह नफ़ासत और नज़ाकत के शहर लखनऊ का होटल 'रमादा' बना जहाँ शर्मीली 'हया' हैंडसम 'मारवान' के निकाह में बांधकर एक नई दुनिया में दाखिल हुईं |
शानो शौकत की मिसाल कही जाने वाली इस शाहाना शादी के मेजबान लखनऊ में पले बढ़े और दुबई में बिजनेस करने वाले एनआरआई श्री अनवर वारसी और उनकी शरीके हयात फिजा वारसी थे जिन्होने अपनी बेटी की शादी को यादगार बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी | शादी की तकरीब की शुरुआत युसुफ नदवी के तिलावते कलामे पाक से हुई और निकाह मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली ने पढ़ाया|
इससे पहले पुलिस बैंड की अगुवाई में शाही बग्घी पर सवार दूल्हे को लेकर पहुंची बारात का फूलों की बरसात और आतिशबाज़ी की चकाचौंध में दुल्हन के भाई अमान खान, भाभी अंज़ला, बहन माहम और बहनोई जोहेब रिजवी के अलावा मौजूद फॅमिली और मेहमानों ने खैरमकदम किया | इस मौके पर मशहूर शहनाई प्लेयर उस्ताद रफी साहब ने अपनी शहनाई के सुरों से समां बांध दिया, बारातियों पर फूलों की बारिश रूस से आई लड़कियों ने की |
इसके बाद म्यूजिक और डांस परफॉर्मेंस का सिलसिला शुरू हुआ जिसमें इंटरनेशनल लेवेल के फनकारों ने अपने हुनर से शादी की तकरीब में मौजूद मेहमानों का इंटरटेनमेंट किया | ख़ास तौर से घूमर डांस जिसे जोधपुर की पूजा कुमारी ने पेश किया काबिलेदीद रहा, दिल्ली से आए इंडियन डांस ग्रुप ने मुजरा पेश करके लखनवी कल्चर की याद ताज़ा कर दी | इजिप्ट से तशरीफ लाये मोहम्मद महफूज ने विशेष शैली वाले तनूरा डांस के साथ मेहमानों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। दिल्ली से आए कलाकारों ने दिलफ़रेब बैले डांस पेश किया| इसके अलावा बेल्जियम के फनकार ने लैटिन अमरीकी म्यूज़िकल इन्स्ट्रुमेंट 'हार्प' पर ऐसी परफॉर्मेंस दी कि वहां मौजूद हर किसी के मुंह 'वाह' की सदा बुलंद हुई |
यह शादी जहाँ अपनी शाहाना कैफ़ियत के लिए अर्से दराज़ तक याद रखी जाएगी वहीँ इस बात के लिए भी याद रखी जायेगी कि दो ग़ैरमुल्की परिवारों ने एक नया घर बसाने के लिए, एक नई दुनिया आबाद करने के लिए लखनऊ जैसे शहर को चुना और नवाबी ठाठ बाट का मुज़ाहिरा किया| बतातें चलें कि दूल्हे मारवान का ताल्लुक़ भी दुबई से है जहाँ उनके वालिद हाजी शाह मोहम्मद पीरज़ादा का काफ़ी बड़ा बिजनेस है हालाँकि उनका आबाई वतन अफ़ग़ानिस्तान है | शादी में लगभग पंद्रह मुल्कों से मेहमान 'हया' और 'मारवान' को नेक ख्वाहिशात देने लखनऊ पहुंचे थे |
आखिर में वो जज़बाती लम्हा भी आया जब माँ बाप अपने जिगर के टुकड़े को भारी मन से किसी और को सुपुर्द कर देते हैं और इन्हीं जज़बाती लम्हों के बीच जब सभी की आँखें नम थीं 'हया' की विदाई हुई|