मानव के मार्गदर्शन का काम कोई ईश्वर दूत ही कर सकता है: डॉ मलिक फैसल फलाही
जमात-ए-इस्लामी हिंद लखनऊ द्वारा 'मुहम्मद सलo मानवता उपकारक' विषय पर संगोष्ठी
लखनऊ: दुनिया में सदैव अच्छा काम करने वाले का व्यक्तित्व धनी होता है। सुधार और निर्माण का कार्य, मानव के मार्गदर्शन का काम कोई ईश्वर दूत ही कर सकता है, ईश्वर के अंतिम दूत के रूप में मुहम्मद सलo इस धरती पर आए, उनकी शिक्षाओं को जानने के लिए यह आवश्यक है कि हम मानवता के उपकारक हज़रत मुहम्मद सलo के जीवन का अध्ययन करें। यह बातें आज यहाँ जमात-ए-इस्लामी हिंद लखनऊ की ओर से 'मुहम्मद सलo मानवता उपकारक' के विषय पर होने वाली संगोष्ठी में डॉ मलिक फैसल फलाही ने कहीं। उन्होंने कहा कि मुहम्मद सलo मानवता के लिए दया से परिपूर्ण थे, उनके जीवन की घटनाएं इस बात का सबूत हैं, उन्होंने अपना पूरा जीवन मनुष्यों की सेवा और उनके कल्याण में बिता दिया।
स्मरणीय रहे कि जमात-ए-इस्लामी हिंद लखनऊ की ओर से 21 दिसंबर से 30 दिसंबर तक 'मुहम्मद सलo मानवता उपकारक' के मुख्य शीर्षक से सीरत अभियान चला रही है। इस अभियान का उद्देश्य यह है कि मानवता के लिए मुहम्मद साहब के संदेश को सब तक पहुंचाया जाए। इसी श्रृंखला में, आज यूपी प्रेस क्लब में यह संगोष्ठी रखी गई। अभियान का अंतिम कार्यक्रम गांधी भवन, क़ैसरबाग में 30 दिसंबर को सीरत कांफ्रेंस के रूप में होगा।
संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए, प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने कहा "वैसे तो मुहम्मद साहब का पूरा जीवन हमारे लिए नमूना है, उस में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मुहम्मद साहब ने हमेशा समानता कि शिक्षा दी। इसके अलावा हजरत मुहम्मद साहब ने शिक्षा के अधिग्रहण पर अत्यन्त ध्यान दिया और जरूरत पड़ने पर चीन तक जा कर शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
आर डी एस के पूर्व प्रिंसिपल पीताम्बर भट्ट ने कहा कि जब दुनिया दुर्भाग्य और भ्रष्टाचार से ग्रसित होती है, तो भगवान दुनिया में अपने नबी और दूत को भेजता है जो लोगों को अच्छाई का आदेश और बुराई करने से रोकता है। मोहम्मद साहब ने भी अपना पूरा जीवन इसी में लगा दिया।
एस आई ओ यूपी सेंट्रल के सचिव मोहम्मद राशिद ने कहा कि अरब देश में मुहम्मद साहब के अभ्युदय के समय जो कुरीतियाँ समाज में फैली हुई थीं वही बुराइयाँ आज हमारे समाज में पैदा हो रही हैं, इस लिए आवश्यकता यह है कि मुहम्मद की शिक्षाएं सर्वसाधारण तक पहुंचाई जाएँ। उन्होंने कहा कि मुहम्मद साहब ने मानव मार्गदर्शन को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया, और फिर उस उद्देश्य के लिए सारा जीवन लगा दिया।
मौलाना उबैदुर्रहमान अज़हर ने कहा कि यह मुहम्मद अरबी की ही करामात है कि उनहों ने दुनिया को मानवता सिखाई, एक दूसरे से प्यार करना सिखाया, आपका पूरा जीवन मानवता और सिर्फ मानवता की भलाई के लिए समर्पित था।
संगोष्ठी का संचालन शोहरत अली खान ने की, मोहम्मद साबिर खान (नगर अध्यक्ष) के धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर मौलाना जुबैर मलिक फलही, मौलाना इश्तियाक़ लारी नदवी, हबीब अली, मुहम्मद आसिफ अकरम खान, शान इलाही, साकिब नदवी, अब्दुल्ला शहीमी आदि उपस्थित थे।