कांग्रेस ने रफाएल मामले में शरू से JPC की मांग की: मनप्रीत बादल
संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमज़ोर है मोदी सरकार, बड़ा सीना नहीं बड़ा दिल होना ज़रूरी
लखनऊ: अ0भा0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं पंजाब सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि भाजपा ने पिछले एक वर्ष में सीबीआई, सीएजी, सुप्रीमकोर्ट, चुनाव आयोग, आरबीआई आदि संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर कर रही है। 70 साल में कांग्रेस ने सीएजी, सीबीआई, सुप्रीमकोर्ट, आरबीआई की स्वायत्तता के लिए मजबूत बनाने के लिए कार्य किया है और इसको कमजोर करने के लिए किये जा रहे प्रयासों से चिन्तित है।
उन्होने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान का टेण्डर 12दिसम्बर 2012 को हुआ था आज राफेल विमान खरीद पर तमाम सवालिया निशान खड़े हुए हैं। यह इतिहास का आजादी के बाद सबसे बड़ा स्कैण्डल है। सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया गया है। यह पूरी तरह खुला करप्शन है। सरकारी खजाने का नुकसान हुआ है। भारत की रक्षा प्रणाली को इससे नुकसान हुआ है। उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी दो सवाल पूछना चाहती है जिस राफेल विमान का 560 करोड़ में टेण्डर हुआ था वह 1670 करोड़ में कैसे हो गया जबकि इंजन क्षमता एवं अन्य किसी उपकरण में कोई वृद्धि नहीं हुई फिर दाम में इतना अधिक इजाफा कैसे हो गया। कैसे 1670 करोड़ रूपये में खरीदा गया।
उन्होने कहा कि रक्षा सौदे में दूसरा सबसे बड़ा पहलू यह है कि विमान की सर्विसिंग, मेन्टीनेन्स आफसेट कान्ट्रेक्ट पर सवाल उठ रहा है। जो भारतीय कम्पनी एचएएल अभी तक करती आ रही थी उसे अनुभव था उसे ठेका न देकर एक 13 दिन पहले बनी कम्पनी रिलायन्स एयरो स्ट्रक्चर लि0 को 30 हजार करोड़ का टेण्डर दिया गया और एचएएल कम्पनी का 30 हजार करोड़ का नुकसान हुआ और जिससे देश में रोजगार मिलना था वह भी नहीं मिलेगा।
उन्होने कहा कि डिफेन्स कान्ट्रेक्ट का रूल होता है जिसमें उन नियमों का पालन नहीं किया गया। उन्होने कहा कि विदेश सचिव ने दो दिन पहले कहा कि राफेल सौदे की कोई बात नहीं हुई है और उसी के बाद प्रधानमंत्री फ्रान्स जाते हैं और 126 की जगह 36 हवाई जहाज खरीदने की बात करते हैं। उन्होने कहा कि भारत की रक्षा सेवा के लिए इमरजेंसी क्लाॅज के तहत इस विमान की बहुत आवश्यकता है, जबकि विमान वर्ष 2022 से आने शुरू होंगे, इसलिए यह बात पूरी तरीके से संदेहास्पद प्रतीत होती है। इस समय हिन्दुस्तान में विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री चाहे जो हों, निर्णय सिर्फ प्रधानमंत्री लेते हैं और रक्षा सौंदों के लिए जो मान्य प्रक्रिया है उसका उल्लंघन किया जा रहा है जो देश के लिए चिन्ताजनक है।
श्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि ट्रान्सफर आॅफ टेक्नालाॅजी से भी राफेल सौदे में भारत वंचित रहेगा अगर ऐसा होता तो हम रक्षा विमानन के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाते जो कि यूपीए सरकार की सोच थी। उन्होने कहा कि सरकार ने मा0 उच्चतम न्यायालय को भी गुमराह किया कि राफेल डील की कीमत सीएजी को पता है और पीएसी को पता है जबकि पीएसी के चेयरमैन श्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेसवार्ता कर बताया कि उन्हें या पीएसी के किसी भी सदस्य को राफेल सौदे की कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जब यह मामला उजागर हुआ तो मोदी सरकार मा0 उच्चतम न्यायालय से फिर से यह आग्रह कर रही है कि हमसे टाइपिंग त्रुटि हो गयी है दरअसल टाइपिंग त्रुटि न होकर यह आजाद भारत के सबसे बड़े घोटाले की तरफ संकेत करता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी ने खुली चुनौती दी है कि राफेल डील की जांच जे0पी0सी0(संयुक्त संसदीय समिति) से करायी जाये जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाये