पुरानी पेंशन के लिए पांच दिन में एक लाख बीस हजार कर्मचारी शिक्षकों ने भेजी ईमेल
लखनऊ: कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच की तीन दिवसीय हड़ताल के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई पुरानी पेंशन बहाली समिति की 17 दिसम्बर को हुई बैठक में पेंशन निदेशालय द्वारा बताया कि पेंशन निदेशालय द्वारा इंमेल के माध्यम से शिक्षक और कर्मचारियों से पुरानी पेंशन के मसलें में माॅगी गई राय के लिए निदेषालय की प्रसारित ईमेल आईडी पर पाॅच दिनों में एक लाख बीस हजार कर्मचारी शिक्षकों ने अपनी राय भेजी है। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल की अध्यक्षता में अपर मुख्य सचिव नियोजन दीपक त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, पीएफआरडीए दिल्ली के जनरल मैनेजर आशीष कुमार, निदेशक पेंशन रंजन मिश्रा, विशेष सचिव न्याय राकेश कुमार, विशेष सचिव वित नीलरतन के साथ मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी और अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा मौजूद थे। इस दौरान समिति के अफसरों की तरफ से बताया गया कि केन्द्र द्वारा नई पेंशन योजना में कई संशोधन किये गए है जिससे कर्मचारी शिक्षकों को लाभ होगा। लेकिन मंच के नेतृत्व ने इस दौरान अपनी पुरानी बाॅत रखते हुए पुनः दोहराया कि पुरानी पेंशन के अलावा अन्य किसी षर्त पर या कोई संशोधन स्वीकार नही होगा।
मंच के मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पेंशन निदेशालय द्वारा पुरानी पेंशन पर राय रखने के लिए प्रसारित की गई ईमेल आईडी पर आए मतों के बाद से मंच की मुहिम को बल मिला है। उन्होंने कहा कि बैठक में पीएफआरडीए के जनरल मैनेजर एवं अपर मुख्य सचिव कार्मिक तथा अपर मुख्य सचिव नियोजन द्वारा काफी हद तक संशोधन और नई पेंशन नीति को कर्मचारी और शिक्षकों के हित में बताए जाने तथा काफी संशोधन किये जाने के बाद भी मंच के नेता अपनी पुरानी मांग पर अड़िग रहे । उन्होंने बताया कि मंच के नेता आगामी जनवरी 2019 की शुरूआत में प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए उच्च पदाधिकारियों द्वारा प्रदेश का दौरा कर जनजगारण अभियान के उपरान्त अंतिम सप्ताह में प्रदेश जनपद मुख्यालयों सहित राजधानी में एक दिवसीय धरना तथा सांध्यकाल में मशाल जुलुस निकाल कर विरोध दर्ज कराये जाने फरवरी में उच्चाधिकार समिति की बैठक कर दूसरे सप्ताह से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू करने का निर्णय ले चुके है। लेकिन पुरानी पेंशन बहाली मंच की अगली बैठक के दूसरे दि नही बैठक कर इस तिथि से पहले हड़ताल का निर्णय लिया जा सकता है।