सबको साथ रखना और सम्मान करना आज की आवश्यकता है: राज्यपाल
लखनऊ: विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में आज गाइड समाज कल्याण संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस के अवसर पर ‘युग पुरूष सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस0सी0 वर्मा, पूर्व मुख्य सचिव डाॅ0 शंभुनाथ, संस्थान के संरक्षक श्री हरिद्वारी लाल, कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती इंदु सुभाष सहित विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने न्यायमूर्ति एस0सी0 वर्मा, श्री वी0एन0 मिश्रा अध्यक्ष जयनारायण पी0जी0 कालेज, प्रो0 एम0आर0 मौर्या को ‘युग पुरूष सम्मान 2018’, स्वर्गीय आर0के0 मित्तल संस्थापक कबीर मिशन को मरणोपरान्त ‘चरैवेति! चरैवेति!! सम्मान’, श्री एस0एस0 उपाध्याय एवं डाॅ0 शंभुनाथ को ‘ज्ञानदा गौरव सम्मान 2018’, डाॅ0 श्यामलाल कपूर सचिव हनुमान सेतु, श्री वी0के0 जोशी अवकाश प्राप्त पुलिस उपाधीक्षक एवं श्री राम अभिलाष तिवारी को ‘सेवा रत्न सम्मान 2018’ से सम्मानित किया। समारोह में संस्थान से जुड़े अन्य लोगों को भी अपनी सराहनीय सेवा प्रदान करने के लिये सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर स्वर्गीय आर0के0 मित्तल जिन्हें ‘चरैवेति! चरैवेति!! सम्मान’ मरणोपरान्त दिया गया है, का स्मरण करते हुये कहा कि स्वर्गीय मित्तल सक्रिय, विद्वान एवं शानदार व्यक्तित्व के मालिक थे जो अब हमारे बीच नहीं हैं। राज्यपाल ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि गाइड समाज संस्थान से उनका काफी लगाव था, इसलिये उनकी कमी महसूस हो रही है। राज्यपाल ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि संस्थान द्वारा योग्य लोगों को सम्मानित किया गया है।
श्री नाईक ने कहा कि देश में बाल मृत्यु दर घटी है तथा औसत आयु में वृद्धि हुई है। एक सर्वे के अनुसार पुरूषों की सामान्य आयु 66.4 वर्ष है और महिलाओं की आयु लगभग 68.6 वर्ष है। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आयी है। शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोजगार के कारण युवा परिवार से दूर हैं। माता-पिता अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबको साथ रखना और सम्मान करना आज की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने उपस्थित छात्र-छात्राओं का ध्यान आकृष्ट करते हुये कहा कि युवा अपने छात्र धर्म का पालन करें। धर्म का मतलब शिक्षा ग्रहण करना है। शिक्षा के साथ-साथ अपनी रूचि के अनुसार व्यायाम आदि में भी सहभाग करें क्योंकि इस स्पर्धा के युग में व्यक्तित्व का बहुत महत्व है। राज्यपाल ने व्यक्तित्व विकास एवं जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए चार मंत्र बताते हुए कहा कि सदैव मुस्कुराते रहें, दूसरों की सराहना करना सीखें, दूसरों की अवमानना न करें क्योंकि यह गति अवरोधक का कार्य करती हैं, अहंकार से दूर रहें तथा हर काम को अधिक अच्छा करने पर विचार करें। उन्होंने ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ को उद्धृत करते हुए कहा कि सफलता का मर्म निरन्तर आगे बढ़ने में है।
डाॅ0 शंभुनाथ ने 1857 में बहादुर शाह जफर के योगदान तथा स्वामी विवेकानन्द के व्यक्तित्तव पर भी प्रकाश डाला। युवा अपने-अपने क्षेत्र में सर्वोत्तम बनने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि युवाओं की सफलता में देश का सुनहरा भविष्य निहित हैं।
पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस0सी0 वर्मा ने कहा कि समाज और राष्ट्र की सेवा के बिना सफलता नहीं मिलेगी। युवाओं पर देश का भविष्य निर्भर है। दूसरों की सेवा करना बहुत बड़ा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि स्वयं को बदलेंगे तो देश बदलेगा।
समारोह में श्रीमती इंदु सुभाष संयोजिका ने संस्थान के बारे में जानकारी दी तथा स्वागत उद्बोधन दिया। श्रीमती इंदु सुभाष ने कई विद्यालयों को राज्यपाल की पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ की प्रति विद्यालय के उपयोग के लिये भेंट की। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के संरक्षक श्री हरिद्वारी लाल ने दिया।