फ्रांस में हालात खराब, लगाई जा सकती है इमरजेंसी
पेरिस: इमैनुएल मैक्रों सरकार द्वारा टैक्स बढ़ाने के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने अब उग्र रूप ले लिया है. प्रदर्शनकारियों ने पूरे पेरिस शहर में कोहराम मचा रखा है. चारों तरफ आगजनी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. प्रदर्शनकारी चेहरे पर मास्क लगाकर और लोहे का रॉड लेकर संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. शनिवार को करीब दर्जन भर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़फोड़ की घटना से अब तक 133 लोग घायल हो चुके हैं.
हालात धीर-धीरे बेकाबू हो रहे हैं जिसके मद्देनजर फ्रांस सरकार इमरजेंसी की घोषणा करने पर विचार कर रही है. सरकारी प्रवक्ता बेंजामिन ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों से आकर बातचीत करने को कहा है. यह प्रदर्शन 17 नवंबर से ही जारी है. रविवार को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करेंगे.
राष्ट्रपति मैक्रों अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में चल रहे जी-20 सम्मेलन में भाग लेने गए हुये हैं और उनका देर सुबह देश पहुंचने का कार्यक्रम है. वापसी के बाद वह प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सुरक्षा का काम देख रहे सर्वोच्च अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. ताजा आंकड़ों के अनुसार पेरिस पुलिस ने शनिवार को अबतक के सबसे खराब उपद्रव में शामिल 412 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि इससे पहले 378 लोग ऐसे ही मामलों में हिरासत में हैं.
उपद्रव में घायल हुये कुल 133 लोगों में से सुरक्षाबल के 23 सदस्य भी शामिल हैं. इससे पहले मैक्रों ने ब्यूनस आयर्स से वापसी से पहले कहा कि वह हिंसा को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. मैक्रों ने कहा, ‘‘अधिकारियों पर हमले, वाणिज्य-व्यापार में लूटपाट, राहगीरों या पत्रकारों को धमकी देना या आर्क दू त्रायंफ का उल्लंघन करना, किसी भी सूरत में तर्कपूर्ण नहीं हो सकता है.’’