तन माटी का पुतला, करो कभी न गुमान।

मिट्टी में मिल जायेगा, बचा रहेगा नाम ।।

मन के दीपक जल गये पूजे दिन और रात।

कान्हा जब से मिल गये, जीवन बना है प्रात।।

मां वीणा दे दो मुझे , शब्द सघन लघु बाण।

इस धन को पाकर मुझे, मिल जाये नव प्राण।।

स्वेद शस्त्र अनुपम औषधि, नहीं कभी नाकाम।

जन जन का संदेश यही, होता जग में नाम।।

गणपति गण में श्रेष्ठ तुम गौरी सुत हो महान।

पल में हल कर देते तुम, तेरा होये गुणगान ।।

अलका अस्थाना

9307197756