इमरान खान के कश्मीर राग पर भारत ने जताई नाराजगी
नई दिल्ली: करतारपुर साहिब कॉरिडोर का शिलान्यास पाकिस्तान में भी हो गया. सिख धर्म के पहले गुरु बाबा नानक देव जी ने अपने जीवन के आखरी 18 साल करतारपुर में गुजारे थे. सिख समुदाय की 70 सालों से चली आ रही मांग आज अंजाम पर पंहुची, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण पर भारत ने सवाल खड़े किए हैं. भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि यह बहुत खेद की बात है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने करतारपुर कॉरिडोर विकसित करने की सिख समुदाय की अरसे से लंबित मांग को पूरा करने के पवित्र मौक़े पर जम्मू-कश्मीर की अवांछित चर्चा की जो भारत का अखंड और अटूट हिस्सा है. पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि वह अपनी अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही पूरी करे और अपनी ज़मीन से सीमा पार आतंकवाद को हर तरह का समर्थन और पनाह देने से बचने की भरोसेमंद कार्रवाई करे.
बता दें कि इमरान खान ने करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास करने के बाद कहा कि कौन सा मसला है जो इन्सान हल नहीं कर सकता. क्या हम एक मसला अपना हल नहीं कर सकते. इरादे वाली लीडरशिप चाहिए बॉर्डर के दोनों तरफ. एक इरादा चाहिए और एक बड़ा ख्वाब चाहिए. इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखी.
इस मौक़े पर भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और हरसिमरत कौर भी मौजूद थे. साथ ही पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी वहां थे. करतारपुर में आयोजित समारोह में इमरान ख़ान ने कहा कि इरादा हो तो हर मसला सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि दोनों ऐटमी मुल्क हैं इसलिए जंग नहीं हो सकती. इमरान ने कहा दुशमन रहे जब फ्रांस और जर्मनी साथ आ सकते हैं तो हम क्यों नहीं|