रफाएल मामले में अनिल अंबानी ग्रुप स्थापित कर रहा है मानहानि मुक़दमों का कीर्तिमान
अब तक 28 मुकदमे करवाए दर्ज, माँगा 80,500 करोड़ रुपये का हर्जाना
नई दिल्ली: रफाल विमान सौदे के आरोपों में घिरी अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप मानहानि के मुकदमों का नया कीर्तिमान स्थापित करती दिखाई दे रही है। रिलायंस ग्रुप ने पिछले अक्टूबर महीने में एक के बाद एक मनाहानि का मुकदमा कर हलचल मचा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनिल अंबानी की कंपनी ने एक साल के भीतर मीडिया ग्रुप्स, पत्रकार और राजनेताओं के खिलाफ 28 मुकदमें दर्ज करा चुकी है और 80,500 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। इनमें 8 मामले राजनेताओं के खिलाफ हैं। जबकि 20 मामले मीडिया संस्थानों और पत्रकारों के खिलाफ हैं।
मानहानि की जद में फाइनैंशल एक्सप्रेस, फाइनैंशल टाइम्स, ब्लूमबर्ग, इकोनॉमिक्स टाइम्स, द ट्रिब्यून, द वीक, द वायर और एनडी टीवी शामिल हैं। जिन पत्रकारों पर मुकदमा ठोका गया है उनमें फाइनैंशल टाइम्स के पूर्व पत्रकार जेम्स क्रैबट्री और बिजनस स्टैंडर्ड में लेख लिखने वाले अजय शुक्ला शामिल हैं। राजनेताओं में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी जैसी शख्सियतें भी अनिल अंबानी की तरफ से दायर मानहानि का मुकदमा झेल रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिलायंस ग्रुप ने सभी को नोटिस भेजा है। अधिकांश का कहना है कि उन्हें कानूनी कार्रवाई का नोटिस मिला है। लेकिन, किन मामलों की स्पष्टता साफ नहीं है। न्यूज़ वेबसाइट Scroll.in के मुताबिक जिन लोगों पर मानहानि का मुकदमा किया गया है उनमें से कई लोगों को समन नहीं मिला है, जबकि कुछ का कहना है कि उन्हें संबंधित केस में जवाब देने के लिए पूरा समय नहीं दिया गया। नोटिस के मुताबिक रिलायंस ग्रुप ने 24 घंटे के भीतर माफीनामा के साथ-साथ संबंधित आर्टिकल से विवादित हिस्सा हटाने की भी मांग की है।
ऐसा नहीं है कि मानहानि से जुड़े मामले सिर्फ राफेल डील से हैं। राफेल के अलावा दूसरे मामले भी ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट छापने पर रिलायंस ग्रुप ने मानहानि का नोटिस थमा दिया। इनमें दिसंबर के महीने में रिलायंस कम्युनिकेशंस का मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जीयो के द्वारा अधिग्रहण भी शामिल है। अनिल अंबानी की कंपनी ने टेलिग्राफ के खिलाफ 11 मामलों में कुल 65,000 करोड़, Scroll.in के खिलाफ पांच मामलों में 15,000 करोड़, एनडीटीवी के खिलाफ 10,000 करोड़ रुपये का मुकदमा किया गया है। बाकी, में 16 अन्य संस्थानों के खिलाफ मुकदमों को मिलाकर कुल 80,500 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा गया है।