भारत में मैच ही नहीं, दिल भी जीतेंगे हम: रिज़वान सीनियर
नई दिल्ली: पाकिस्तानी हॉकी टीम के कप्तान मोहम्मद रिजवान सीनियर ने कहा कि उनकी टीम इस बार मैच ही नहीं, बल्कि दिल जीतने के इरादे से भी खेलेगी. हॉकी विश्व कप भुवनेश्वर में 28 नवंबर से 16 दिसंबर तक खेला जाना है. पाकिस्तान की टीम चैंपियंस ट्रॉफी-2014 के बाद पहली बार भारत में कोई हॉकी टूर्नामेंट खेलेगी. भारत 2010 में भी हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी कर चुका है.
चार साल पहले भुवनेश्वर में ही खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान पाकिस्तान के कुछ खिलाड़ियों ने दर्शकों को अभद्र इशारे किए थे. इसके बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय हॉकी संबंध खटाई में पड़ गए थे. इसके बाद इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन (एफआईएच/FIH) ने पाकिस्तान के दो खिलाड़ियों पर बैन भी लगाया था. पाकिस्तान के मौजूदा कप्तान रिजवान सीनियर ने इस विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
रिजवान ने लाहौर से दिए इंटरव्यू में कहा, ‘जो चार साल पहले हुआ, वह नहीं होना चाहिए था. तब कुछ जूनियर खिलाड़ी भावनाओं में बह गए, लेकिन यह पूर्व नियोजित नहीं था. इस बार टीम को हमने ताकीद की है कि दर्शकों की ओर ध्यान ही नहीं देना है. भुवनेश्वर में स्टेडियम खचाखच भरे होंगे लेकिन हमें अपने खेल पर फोकस करना है.’ उन्होंने कहा, ‘भुवनेश्वर वैसे भी हमारे लिए ‘लकी’ रहा है, जहां हमने भारत को हराया. वैसे भी घरेलू मैदान पर खेलने का दबाव भारत पर होगा, हम पर नहीं. हम खेल के साथ इस बार दिल भी जीतकर आएंगे.’
पाकिस्तान 2014 विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका था. वह दिल्ली में 2010 में हुए विश्व कप में आखिरी स्थान पर रहा था. उस टीम का हिस्सा रहे रिजवान ने कहा कि इस बार वैज्ञानिक तरीके से तैयारी की गई है और उन्हें अच्छे प्रदर्शन का यकीन है. उन्होंने कहा, ‘हमने 2010 में जरूरत से ज्यादा तैयारी कर ली थी और सही समय पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सके क्योंकि थकान हावी हो गई. इस बार तैयारी वैज्ञानिक तरीके से की गई है और हमें यकीन है कि प्रदर्शन बेहतर होगा.’
पाकिस्तान को विश्व कप में पूल डी मिला है, जिसमें जर्मनी और नीदरलैंड जैसी मजबूत टीमें हैं. हालांकि, पाकिस्तानी कप्तान ने कहा कि ऐसे टूर्नामेंट में कोई कयास नहीं लगाया जा सकता और कोई भी टीम उलटफेर कर सकती है. उन्होंने कहा, ‘आजकल कोई भी टीम किसी को भी हरा सकती है, लिहाजा मैच के दिन के प्रदर्शन पर सब कुछ निर्भर करेगा. हमारे पास युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है और उन्हें बखूबी पता है कि इस टूर्नामेंट में हमारे लिए बहुत कुछ दाव पर लगा है.’
भारत में विश्व कप के अलावा समय मिलने पर क्या करना चाहेंगे? यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं पंजाब में अपने पैतृक गांव जाना चाहता हूं. मेरी दादी की बड़ी ख्वाहिश रही है कि मैं वहां जाऊं. इसी तरह सभी खिलाड़ियों की कोई ना कोई ख्वाहिश होगी.’