जम्मू-कश्मीर में तेज़ हुई सरकार बनाने की कवायद
कांग्रेस, NC और PDP मिला सकते हैं हाथ
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में अनिश्चतता का दौर खत्म होने को है. घाटी में राज्यपाल शासन लागू होने के करीब 6 महीने हो गए और अब ऐसा लग रहा है कि राज्य को गठबंधन की सरकार मिल जाएगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जम्मू एवं कश्मीर में सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है, जिसके लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और कांग्रेस मिला सकते हैं. सूत्रों ने बताया है कि इसके लिए कांग्रेस हाईकमान से हरी झंडी मिल गई है. माना जा रहा है कि गुरुवार को इसकी घोषणा होगी.
हालांकि, बताया जा रहा है कि पीडीपी बाहर से समर्थन देगी. बता दें कि जून में जम्मू-कश्मीर में आए सियासी संकट के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तत्काल प्रभाव से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू करने को मंजूरी दे दी थी. भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी से गठबंधन तोड़ सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद वहां सियासी संकट के हालात पैदा हो गये थे. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी ने लगे हाथ राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर दी. बता दें कि जम्मू- कश्मीर में छह साल का कार्यकाल होता है और वहां पर राष्ट्रपति के बदले राज्यपाल शासन लागू होता है.
हालांकि, एनसी-पीडीपी के संभावित गठबंधन पर पीडीपी के सांसद, मुजफ्फर बैग ने कहा कि जम्मू कैसे रिएक्ट करेगा? यह पूरी तरह से मुस्लिम गठबंधन है, लद्दाख कैसे रिएक्ट करेगा? ऐसी गैर-जिम्मेदाराना बातचीत से जम्मू और कश्मीर में मुश्किलें बढ़ेंगी. लद्दाख, जम्मू उस राज्य का हिस्सा नहीं रहेगा जिसपर किसी एक समुदाय का शासन हो.
कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी की सरकार गिरनने के बाद किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा नहीं पेश किया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी ने राष्ट्रपति शासन की मांग की थी. वहीं पीडीपी भी रेस में नहीं थी. कांग्रेस ने पहले ही कह दिया कि पीडीपी के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं है. ज़ाहिर है सिर्फ़ एक मात्र विकल्प राष्ट्रपति शासन बचता था. इस बीच जम्मू कश्मीर के गवर्नर ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी थी. उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की थी.