19 नवंबर को उर्जित पटेल दे सकते हैं इस्तीफा: रिपोर्ट
नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक केंद्रीय बोर्ड की 19 नवंबर को प्रस्तावित बैठक में इस्तीफा दे सकते हैं. ऑनलाइन फाइनेंशियल पब्लिकेशन मनीलाइफ ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया. सरकार और आरबीआई के बीच तनातनी जारी है. उधर, सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो सरकार आरबीआई से ऋण देने संबंधी मामले में राहत और उसके सरप्लस रिजर्व से 3.6 लाख करोड़ रुपये हासिल करने के लिए अपना दबाव जारी रखेगी. उधर, मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक केंद्रीय बैंक इससे सहमत नहीं है और वह अपने बही-खाते को मजबूत रखने के लिए अपने पास लाभांश रखना चाहता है.
मनीलाइफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पटेल आरबीआई की अगली मीटिंग में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि, आरबीआई की ओर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. उधर, एजेंसी रायटर्स के अनुसार सूत्रों ने कहा कि अगर इससे बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा देते हैं तो भी सरकार 3.6 लाख करोड़ रुपये हासिल करने के लिए अपना दबाव जारी रखेगी.
आरबीआई कानून की धारा 7 के तहत सरकार चाहती है कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल तीन चिंताओं को दूर करे. ये चिंताएं अधिशेष कोष, कर्ज और वृद्धि को गति देने के लिये एनपीए नियमों में ढील तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के समक्ष नकदी संकट को दूर करने से जुड़ी हैं.
गौरतलब है कि गत 23 अक्टूबर को मुंबई में हुई पिछली बोर्ड बैठक ने वित्त मंत्रालय और आरबीआई के आपसी मतभेदों को खुलकर सार्वजनिक कर दिया था. बाद में विवाद आगे बढ़ा तो वित्त मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता 'एक महत्वपूर्ण और शासन चलाने के लिए स्वीकार्य जरूरत' है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सरकार और आरबीआई दोनों को सार्वजनिक हित और भारतीय अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से काम करना है. हालांकि तब यह साफ नहीं हुआ कि क्या वास्तव में दोनों पक्षों के बीच गतिरोध दूर हो पाया है या नहीं.
उधर, आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने गत 2 नवंबर को सोशल मीडिया पर आचार्य की टिप्पणी को लेकर सवाल उठाए. अब देखना होगा कि आगामी 19 नवंबर को होने वाली बैठक में आरबीआई गवर्नर क्या कदम उठाते हैं. क्या वह सरकार की मांग मानते हैं या इस्तीफा देते हैं.