अकाली MLA ने शाहरुख के खिलाफ दर्ज कराया आपराधिक अभियोग
नई दिल्ली: दिल्ली में अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ आपराधिक अभियोग का मामला दर्ज करवाया है। सिरसा ने अपनी शिकायत में ये आरोप लगाया है कि शाहरुख खान ने अपनी नई फिल्म जीरो के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाया है। दरअसल शाहरुख खान की आने वाली फिल्म ‘जीरो’ के पोस्टर पर सिख समुदाय ने नाराजगी जताई है। इस फिल्म के एक पोस्टर में शाहरुख ने कृपाण धारण की हुई है। इसी पोस्टर पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (डीएसजीपीसी) और अन्य सिखों ने विरोध जताया है।
सिख समुदाय के अनुसार, फिल्म के एक पोस्टर में शाहरुख नंगे शरीर पर नोटों का हार पहने हुए हैं और वे गले में गातरा (कृपाण) पहने हुए भी देखे जा सकते हैं। गातरा (कृपाण) सिखों के पवित्र पांच ककारों में से एक है। सिख समुदाय के अनुसार इसे मजाकिया ढंग में दिखाया गया है। वही इस मामले में डीएसजीपीसी के धर्म प्रचार कमिटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा ने भी अपनी राय रखी है। परमजीत ने एक लेटर जारी करते हुए कहा, ‘हाल ही में शाहरुख खान की फिल्म का पोस्टर सामने आया है, जिसमें वह कृपाण पहने हुए नजर आ रहे हैं, जो इसका मजाक उड़ाने के समान है।’
राणा ने फिल्म निर्माताओं और शाहरुख खान को चेतावनी देते हुए कहा है कि ‘वह जल्द से जल्द अपने इस पोस्टर को वापिस लें। फिल्म से भी उन दृश्यों को हटाएं, जिनमें कृपाण का मजाक उड़ाया गया है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो फिल्म के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए इसकी रिलीज को रोका जाएगा। संकेत मिले रहे हैं कि कमिटी फिल्म निर्माताओं और शाहरुख को नोटिस जारी करने की तैयारी में भी है।’
परमजीत ने कहा कि ‘कृपाण सिखों का धार्मिक चिह्न है। यह केवल दिखाने मात्र के लिए नहीं है, बल्कि इनके साथ मानवीय भावनाएं और संकल्प भी जुड़े हुए हैं। यह एक प्रण है जिसके साथ आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को कायम रखते हुए गरीब-मजलूमों की रक्षा के लिए जुल्म के खिलाफ उठाने का संकल्प जुड़ा हुआ है। लेकिन फिल्मों में इस तरह धार्मिक चिन्हों का मजाक उड़ाना ट्रेंड सा बन गया है।’
हाल ही में फिल्म केदारनाथ के टीज़र लॉन्च होने पर भी विवाद खड़ा हुआ था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि फिल्म के टीजर में दिखाये जाने वाले दृश्य देवभूमि और केदारनाथ की आस्था के साथ खिलवाड़ हैं और फिल्म देवभूमि तथा केदारनाथ की रीति एवं नीति के बिल्कुल उलट है। विरोध में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता गंभीर बिष्ट ने कहा था कि ‘ऐसा मालूम होता है कि फिल्म बनाने वालों ने हिंदू धर्म की आस्था पर चोट की है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अगर ऐसे दृश्य नहीं हटाये गये तो प्रदेश व्यापी आंदोलन छेड़ा जायेगा।’