राम मंदिर: बिहार के राज्यपाल ने भी की सुप्रीम कोर्ट की आलोचना
नई दिल्ली: बिहार के गवर्नर और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन ने राम मंदिर मामले की सुनवाई अगले साल तक टालने पर सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा है। इंडिया टुडे के कार्यक्रम स्टेट ऑफ स्टेट्स बिहार के मंच पर पहुंचे लालजी टंडन ने कहा कि कोर्ट चाहता तो इस मुद्दे पर एक सुनवाई में ही फैसला दिया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अयोध्या टाइटल केस कोई विवाद नहीं है जिसके निपटारे के लिए एक से अधिक सुनवाई की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश के 100 करोड़ लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान की अलग-अलग तरह से व्याख्या की जाती है। हमारा देश सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां की न्यायपालिका बहुत ताकतवर है, फिर भी यह मसला 150 सालों से लंबित पड़ा है।”
लालजी टंडन ने कहा कि इस मामले में न्याय जहां से मिलना चाहिए, वहीं से अवरोध खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि ये मामला न्यायपालिका की प्राथमिकताओं में नहीं है, पर किसी ने टिप्पणी की थी कि अगर दशकों से 100 करोड़ लोगों के संघर्ष और बलिदान जो देश की सुरक्षा से जुड़ा है, वो कोर्ट की प्राथमिकता में नहीं है, इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वो न्यायपालिका पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।
टंडन ने लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुर किए जाने की भी वकालत की और कहा कि लक्ष्मण ने लखनऊ बसाया था। बतौर टंडन लखनऊ से पहले इसे लक्ष्मणपुर या लक्ष्मणावती भी कहा जाता था। उन्होंने कहा कि लखनपुर या लक्ष्मणपुर का ही अपभ्रंश लखनऊ है। टंडन ने लखनऊ के बारे में एक कहानी यह भी बताई कि जब अंग्रेजों ने लखनऊ पर कब्जा कर लिया तो नाचते हुए कहा कि ‘लक नाउ’ यानी आज हमारा भाग्य जग गया और Luck Now ही बाद में लखनऊ बन गया। लालजी टंडन ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने का समर्थन किया और कहा कि यह किसी व्यक्ति पर आधारित नहीं है बल्कि प्राकृतिक है।