प्रमाणिकता और परिश्रम से ही सफलता मिल सकती है: राज्यपाल
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का 14वाँ दीक्षान्त सम्पन्न
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने आज अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेन्शन सेन्टर में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के 14वें दीक्षान्त समारोह में 804 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की जिनमें पीएच0डी, डीएम, एम0सीएच, एमडी, एमएस, एमडीएस, एमबीबीएस, बीएसी, बीडीएस, एम0फिल तथा नर्सिंग की स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की उपाधि दी गई। दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि मणिपाल विश्वविद्यालय, स्कूल आॅफ लाइफ सांइसेज, मणिपाल के राष्ट्रीय शोध आचार्य प्रोफेसर एम0वी0एस0 वैलियाथान उपस्थित थे। समारोह में विश्व विख्यात चिकित्सक डाॅ0 बलराम भार्गव तथा प्रसिद्ध लीवर स्पेशिलिस्ट डाॅ0 शिव कुमार सरीन को विशिष्ट मानद उपाधि प्रदान की गई। समारोह में कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट, कार्य परिषद के सदस्यगण, समस्त संकाय के सदस्यगण, शिक्षकगण, विद्यार्थी और उनके माता-पिता भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने छात्राओं को ज्यादा पदक मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बेटियों ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है। प्रदेश के 28 राजकीय विश्वविद्यालयों में से 26 के दीक्षान्त समारोह आयोजित किये जा रहे हैं, दो विश्वविद्यालय नये हैं जिनके छात्र अभी स्नातक स्तर तक नहीं पहुंचे हैं। अब तक 22 विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त सम्पन्न हो चुके हैं, जिनके माध्यम से लगभग 15 लाख 97 हजार विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई है, जिसमें 52 प्रतिशत उपाधियाँ बेटियों ने प्राप्त की हैं। 22 विश्वविद्यालय में अब तक 1,437 पदक प्रदान किये गये हैं, जिसमें 978 यानी 68 प्रतिशत छात्राएं और 32 प्रतिशत छात्र हैं। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लड़कियों का प्रतिशत और बढ़ा है। समय बदला है बेटियां आगे बढ़ रही हैं। आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में लड़कियों का 85 प्रतिशत, दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में 82 प्रतिशत, शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय में 81 प्रतिशत तथा महात्मा गांधी विद्यापीठ काशी में 81 प्रतिशत रहा है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा का प्रतिशत बढ़ाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ‘ को जाता है।
श्री नाईक उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि उपाधि प्राप्त करते समय जो शपथ धारण की गई है, उसको आजीवन याद रखें तथा उसको निभाने का प्रयास करें। शपथ लेना आसान है पर शपथ को निभाना कठिन है। ‘शार्टकट’ से सफलता नहीं मिलती। प्रमाणिकता और परिश्रम से ही आज के स्पर्धा के युग में सफलता मिल सकती है। दीक्षान्त ज्ञान प्राप्त करने की समाप्ति नहीं है, बल्कि स्वयं को अद्यतन ज्ञान से लैस रखें। काम के दबाव में भी चिकित्सक अपने लिये समय निकालें। उप राष्ट्रपति श्री एम0 वेंकैया नायडु की बात को दोहराते हुये उन्होंने कहा कि छात्र तीन ‘म’ पर ध्यान दें। पहला ‘माता-पिता और गुरूजनों का सम्मान करें।’ दूसरा ‘म’ यानि मातृभाषा तथा तीसरा ‘म’ यानि मातृभूमि पर अभिमान करें। उपाधि प्राप्त छात्रों से उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुभारम्भ की गई ‘आयुष्मान योजना’ का लाभ पात्र रोगियों को कैसे मिले इस पर विचार करें। उन्होंने कहा कि चिकित्सक अपने व्यवहार से रोगी में स्वास्थ्य लाभ की इच्छाशक्ति जगाये तथा परिजनों को आश्वस्त करने का प्रयास करें।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर एम0वी0एस0 वैलियाथान ने उपाधि और पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यहां के छात्र भाग्यवान है जो ऐसे ऐतिहासिक संस्था से उपाधि प्राप्त कर रहे हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में बड़े बदलाव आये है। आज की शिक्षा तकनीक और प्रौद्योगिकी पर आधारित है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आरम्भ की गई आयुष्मान योजना वास्तव में भारत के लिये एक क्रांतिकारी योजना है। उन्होंने कहा कि नये चिकित्सक मानवता को आधार मानकर कार्य करें न कि चिकित्सा को व्यवसाय या पैसा कमाने का साधन माने। रोगी की सेवा जीवन का महत्वपूर्ण ध्येय होना चाहिए।
कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा भावी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।