कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोले, मैं अधिक समय तक जीवित नहीं रहूंगा
बेंगलरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ऐसा कई बार सार्वजनिक तौर पर अपने स्वास्थ्य को लेकर बयान दिए हैं। शुक्रवार को कुमारस्वामी ने मंड्या जिले के मलावली में एक जन रैली के दौरान एक भावुक भाषण देते हुए उन्होंने फिर से अपने स्वास्थ्य का जिक्र किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि मैं लंबे समय तक जीवित नहीं रहूंगा। उनके इस भाषण की बीजेपी ने काफी आलोचना की है। कर्नाटक बीजेपी प्रेसीडेंट और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येद्दुरप्पा ने भी उन्हें आड़े हाथो लिया।
कुमारस्वामी ने अपने भाषण में आगे कहा कि मैं पिछले साल इजरायल गया था वहां किस्मत से मेरी जान बच पाई थी। लेकिन मैं वादा करता हूं जब तक मैं जीवित हूं, मैं आप सबकी सेवा करता रहूंगा। सीएम ने कहा कि हालांकि मैं ये नहीं बताउंगा कि इजरायल में क्या हुआ था।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी को उस समय दिल का दौरा आया था। पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले वे इजरायल गए थे। वे इसी का इलाज करवाने के बाद वहां से वापस लौटे थे। इस बात की जानकारी केवल उनके करीबी मित्रों और परिवार को थी।
शुक्रवार मलावली में जन रैली के दौरान कुमारस्वामी ने कहा कि वे पैसे बनाने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बने थे। मुझे नहीं पता कि मैं कितने दिन तक और जीवित रहूंगा लेकिन जब तक मैं सत्ता में हूं तब तक मैं अपने लोगों की हरसंभव सेवा करता रहूंगा।
उनके भाषण का जवाब देते हुए बीएस येद्दुरप्पा ने मद्दूर में रैली के दौरान कहा कि कुमारस्वामी को अपने स्वास्थ्य को लेकर इमोशनल स्पीच देने के बदले विकास कार्यों पर ध्यान देने चाहिए।
येद्दुरप्पा ने आगे कहा कि राज्य में चारों तरफ अराजकता चरम पर है। राज्य की जनता पर उनकी इमोशनल स्पीच का कोई असर नहीं पड़ने वाला है क्योंकि जनता खुद परेशानी में है।
उन्होंने कुमारस्वामी पर ये भी आरोप लगाए कि मंड्या जहां से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई वे वहीं के लोगों के साथ भेदभाव कर रहे हैं।
आगे कहा कि मैंने भले ही मंड्या में जन्म लिया है लेकिन मैंने कभी यहां से चुनाव नहीं लड़ा। फिर भी मैं जब मुख्यमंत्री था तो यहां पर विकास कार्यों के लिए मैंने करोड़ों दिए।
इस पर पूर्व सीएम के आरोपों को जवाब देते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि मंड्या के किसानों को उनके कर्जमाफी की नीति का सबसे ज्यादा लाभ मिला। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने जब पहला बजट पेश किया तो बीजेपी के लोगों ने इसे मंड्या बजट कहा था। लेकिन अब उन्हें अचानक से मंड्या के लोगों के लिए सहानुभूति होने लगी है।