राहुल फिर बोले, चौकीदार ही चोर है
CBI मुख्यालय पर कांग्रेस का प्रदर्शन, राहुल की सांकेतिक गिरफ्तारी
नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मुखिया आलोक वर्मा को अचानक छुट्टी पर भेजे जाने के विरोध में कांग्रेस ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय समेत देशभर के सीबीआई दफ्तरों के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किए। राजधानी दिल्ली से इन प्रदर्शनों का नेतृत्व खुद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं संग सुबह करीब सवा 11 बजे वह लोधी रोड स्थित दयाल सिंह कॉलेज के बाहर से पैदल मार्च लेकर निकले थे। कांग्रेस का काफिला, जब सीबीआई मुख्यालय के पास पहुंचा तो रास्ते में उसे बैरिकेड मिले। राहुल उसी दौरान पार्टी नेताओं व समर्थकों संग बैरिकेड पर चढ़ कर बैठ गए और केंद्र के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे।
बैरिकेड से उतरने के बाद वह एक गाड़ी पर चढ़ कर बैठ गए। हालांकि, काफी देर समझाने-बुझाने के बाद वह नीचे उतरे, जिसके बाद वह सांकेतिक गिरफ्तारी देने के लिए लोधी रोड पुलिस थाने पहुंचे। दोपहर दो बजे के आसपास कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि केंद्र के फैसले (वर्मा को हटाने) का विरोध कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष समेत अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
राहुल ने बाद में पत्रकारों से कहा, “पीएम भाग सकते हैं। वह छुप सकते हैं। लेकिन अंत में सच सामने आ ही जाएगा। सीबीआई डायरेक्टर को ‘हटाने’ से उनकी राह आसान न होगी। पीएम ने सीबीआई डायरेक्टर के खिलाफ यह कदम इसलिए उठाया, क्योंकि वह उस वक्त हैरान-परेशान थे।”
कांग्रेस ने इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में भी सीबीआई दफ्तर के बाहर जमकर बवाल काटा। कहीं बैनर-पोस्टर के जरिए शांतिपूवर्क धरना दिया, तो किसी जगह पर नौबत वॉटर कैनन तक चलने की आ पहुंची।
आपको बता दें कि कांग्रेस ने यह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन केंद्र में आसीन नरेंद्र मोदी सरकार के उस फैसले पर किया, जिसमें देश की सबसे जांच एजेंसी के मुखिया को घूस के आरोपों के चलते अचानक छुट्टी पर भेज दिया गया था।
राहुल ने केंद्र के इस फैसले की पीछे के वजह भी बताई थी। उन्होंने दावा किया था कि मोदी सरकार राफेल डील पर जांच नहीं होने देना चाहती है। ऐसे में उसने यह कदम उठाया। चूंकि वर्मा ने कुछ ही समय पूर्व सीबीआई से जुड़ी कुछ फाइलें मंगाई थीं और वह उस संबंध में जांच शुरू कराने वाले थे। कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप है कि वर्मा को जानबूझकर छुट्टी पर भेजा गया है, जो कि सरासर गलत है।