अजेय नेता नरेन्द्र मोदी
नरेन्द्र सिंह राणा
‘‘जेहिं न देखी रिपु रण पीठी-नही पावही पर तिय मनु डीटी, मागंन लहहि न जेहि नाही-ते बर पुरूष बहुत जग नाही‘‘ पूज्य संत गौस्वामी तुलसीदास जी महाराज की यह चैपाई श्रीराम चरितमानस में लिखी है इसमें भगवान श्री राम लक्ष्मण जी से कहते है कि जिसकी कभी शत्रु ने रण में पीठ न देखी हो यानि जो कभी रण छोड़कर भागा न हो अथवा हारा न हो तथा परायी स्त्री ने जिसके नेत्र और मन को अपनी ओर न खींचा हांे और जिसके यहां से कभी मांगने वाले को खाली हाथ नहीं लौटना पड़ा हो हे लक्ष्मण ऐसे श्रेष्ठ लोग संसार में कम होते है। बात जब श्रेष्ठ वीर पुरूषों की होगी तो भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी की उनमें चर्चा अवश्य होगी हीं। बताते चले राजनीति के रण मे मोदी जी अजेय है विरोधी कभी उनको हरा नही पाये है। 14 वर्ष तक गुजरात प्रदेश के अजेय मुख्यमंत्री रहे। इस बीच वहां तीन बार विधानसभा चुनाव हुए। तीनों बार मोदी जी ने ऐतिहासिक विजय प्राप्त की। जब दिल्ली से मोदी जी को गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में भेजा गया उस समय केशुभाई पटेल वहां मुख्यमंत्री थे। पार्टी ने तय किया की गुजरात के भविष्य के लिए नरेन्द्र भाई का वहां जाना जरूरी है क्योंकि वहां की जो स्थिति है उसमें उनके जैसा बेहद ईमानदार, कड़ी मेहनत करने वाला की उपयुक्त होगा। नरेन्द्र भाई ने पार्टी का आदेश निर्देश मानते हुए श्री केशुभाई पटेल के पैर छू उनका आर्शीवाद लेकर गुजरात प्रदेश का कांटो भरा ताज स्वीकार किया। लगभग 18 माह बाद ही वहां विधानसभा चुनाव हुए। गोधरा जैसा दुखद् कांड करा दिया गया। कट्टरपंथी ताकते कितनी मजबूत जडें़ वहां जमा चुकी थी उसका प्रमाण यह दुखद कांड है। गुजरात में हिन्दू मुस्लिम दंगे भड़क गए। नरेन्द्र भाई ने एक कुशल नेतृत्वकर्ता बन वहां की इस विषम स्थिति से गुजरात को निकाला। विरोधियों ने देश व विदेश में इसका दोष भाजपा व मोदी जी पर मड़ते हुए आधारहिन आरोप लगाए। शान्त निश्चित स्वभाव वाले नरेन्द्र भाई ने उनके ऊपर लगाए गए आरोपों का मुंह तोड़ जबाव दिया। प्रदेश सरकार को बरखास्त किया जाये। मोदी जी को जेल भेजा जाए इस प्रकार की मांग कांग्रेस के साथ लालू आदि भी कर रहे थे। जब नरेन्द्र भाई ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपो के लिए गुजरात की महान जनता से न्याय करने के लिए कहा तो जनता ने विधानसभा चुनाव में नरेन्द्र भाई मोदी को रिकार्ड जीत दी। श्रीमती सोनिया गांधी उनके सलाहकार अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, मणिश्ंाकर अय्यर आदि ने नरेन्द्र भाई मोदी को मौतो का सौदागर तक कह डाला। गुजरात की जनता ने अपने सेवक मोदी जी का भरपूर समर्थन कर विरोधियों को चारों खाने चित कर दिखाया। केन्द्र में यूपीए की जोड़-तोड़ वाली सरकार बन गई। गुजरात में दंगों तथा आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने की सीबीआई जांच शुरू करा दी। सर्वोच्च न्यायालय से एसआईटी का गठन करा डाला। नरेन्द्र भाई मोदी ने हर प्रकार की जांच का बिना विचलित हुए सामना किया। मुख्यमंत्री रहते हुए एसआईटी के सामने पेश हुए उनसे घण्टो पूछताछ हुई। देश की जनता में गुस्सा बढ़ता गया। यूपीए की सरकार ने नरेन्द्र भाई के अनन्य सहयोगी गुजरात प्रदेश के तत्कालिन गृहमंत्री रहे वर्तमान में जो भाजपा के क्रान्तीकारी सफलतम् अध्यक्ष अमित भाई शाह को झूठे आरोपो में जेल भिजवा दिया। मोदी जी ने शाह का न केवल जमकर साथ निभाया बल्कि उनके लिए वह हर लड़ाई लड़ी जो आवश्यक थी। वर्षो लगे लेकिन सांच को आंच नही यह कहावत पुनः सिद्ध हो गई। कांग्रेस की यूपीए सरकार दोबारा केन्द्र की सत्ता में आ गई। गुजरात प्रदेश के साथ उसका भेदभाव पूर्व की भांति चलता रहा। तीसरी बार गुजरात में नरेन्द्र भाई के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव हए भाजपा की ओर से स्वयं मोदी जी ने पूर्व की भांति कमान संभाली और यूपीए की ओर से श्रीमती सोनिया गांधी जी तत्कालिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी तथा उनकी पूरी कैबिनेट ने अपना सारा फोकस गुजरात चुनाव पर लगा दिया। भाजपा की ओर से मोदी जी ही स्टार प्रचारक रहे उन्होंने थ्रीडी वाले वाहनों ने गुजरात की जनता को सम्बोधित किया। कांग्रेस ने इस बार भाजपा में एक समय कदावर नेता रहे शंकर सिंह बघेला को अपना मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया। चुनाव में मोदी जी के विरोध का कोई मौका नहीं छोड़ा गया। विदेशो में खासकर अमेरिका को तमाम सांसदों ने पत्र लिखकर मोदी जी को वीजा न देने का दबाव बनाया। कांग्रेस के साथ कम्यूनिस्ट पार्टी भी खुलकर साथ आ गई। खूब हाथ तौबा मची परन्तु गुजरात की महान जनता ने अपने लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी जी को तीसरी बार बहुमत देकर मुख्यमंत्री बनाया। विरोधी कभी किसी भी चुनाव में नरेन्द्र भाई मोदी को मात नही दे सके। बार बार पीठ दिखाकर भाग खडे़ हुए। शंकर सिंह बघेला का दम फूल गया उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया। उस समय चुनाव तो गुजरात में होता था लेकिन उसकी गंूज पूरे भारत में सुनाई पड़ती थी। गुजरात के साथ देश में भी लोकप्रियत बनकर उभरे नरेन्द्र भाई मोदी ने 2012 में गांधी नगर से देश के गांधी परिवार को ललकारा। 2014 के लोकसभा चुनाव में गांधी नगर का शेर गांधी परिवार की सत्ता को देश से उखाड़ फेंकने के लिए मैदान में आ डटा। देश भर में 100 से अधिक रैलियां कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया तथा लोकसभा के लिए चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। वाराणसी सीट से पर्चा भरा। मोदी-मोदी के नारों की गूंज सम्पूर्ण भारत में सुनाई पडने लगी। कांग्रेस को नाको चने चबाने पडे़। चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। 136 साल पुरानी पार्टी को 26 साल के हाॅर्दिक पटेल की शरण में जाने को मजबूर कर दिया। मोदी जी को देश की महान जनता ने अपना प्रधानमंत्री चुना। तब से अब तक कांग्रेस की हालत मे कोई जमीनी सुधार देखने को नही मिला। श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष जरूर बना दिया। 2019 में देश में फिर लोकसभा के चुनाव होने जा रहे है। आजतक मोदी जी का ग्राफ कम नही हुआ बल्कि देश के साथ दुनिया के नेता भी उनका लोहा मानने लगे है। नोटबंदी, जीएसटी जैसे कदम उठाकर दुनिया को बदलते तेजी से विकास की राह पर चलते भारत से परिचित करा दिया। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चला अजेय मोदी रथ अब देश में अजेय रहेगा ऐसा मैं नहीं तमाम सर्वे कह रहे है। अपने दम पर मोदी जी का सामना करने की हिम्मत भी देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस नहीं पा रही है। महागठबन्धन की आश पाले अपने को जिंदा रखे है। मोदी जी के साथ डोनाल्ड ट्रंप (अमेरिका के राष्ट्रपति) के साथ रूस के राष्ट्रपति ब्लादिर पुतिन तथा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबी की फोटो छपती है तो राहुल जी के साथ हार्दिक , जिग्नेश मेवाणी व अल्पेश ठाकोर की। कहां जमीन कहां आसमान। इस अन्तर का गवाह बनने जा रहा है 2019 का लोकसभा चुनाव ।