राष्ट्रपति के फैसले से AAP को मिली बड़ी राहत
27 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज हुई
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कथित लाभ के पद को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के 27 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य करार देने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। शहर के कई अस्पतालों से जुड़ी रोगी कल्याण समितियों के प्रमुखों के रूप में नियुक्ति के बाद विधायकों पर लाभ के पद पर होने का आरोप लगा था।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की राय के आधार पर याचिका खारिज करने के आदेश पर हस्ताक्षर किये। चुनाव आयोग ने याचिका को विचारयोग्य नहीं पाया था।
इस तरह की याचिकाएं राष्ट्रपति के पास भेजी जाती हैं जो उन्हें चुनाव आयोग के पास भेज देते हैं। इसके बाद आयोग अपनी राय देता है जिसके आधार पर राष्ट्रपति आदेश जारी करते हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 26 अप्रैल को जारी किए गए एक आदेश के मुताबिक रोगी कल्याण समितियां परामर्श देने का काम करती हैं जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं, रणनीतियां बनाने आदि में मदद मिलेगी।
इसमें कहा गया है कि हर 'एसेंबली रोगी कल्याण समिति को अनुदान के तौर पर सालाना तीन लाख रुपये मुहैया कराए जाएंगे।
आप विधायकों के खिलाफ दी गई शिकायतों में कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने 2009 में अपने कार्यकारी आदेशों के जरिए सभी अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियों के गठन को मंजूरी दी थी और इनका गठन स्थानीय विधायक की अध्यक्षता में किया गया था जो कि योजना के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन था। इसमें कहा गया था, मौजूदा सरकार या पूर्व की सरकार द्वारा रोगी कल्याण समितियों के अध्यक्ष पद पर विधायकों की नियुक्ति का आदेश पूरी तरह गैरकानूनी और किसी भी विधिक मंजूरी के बिना था।