सबरीमाला में आज भी बेअसर रहा ‘सुप्रीम’ का आदेश
पम्बा (केरल): केरल में सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी क्रम में रविवार को भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं ने दो तेलुगु भाषी महिलाओं को मंदिर तक जाने वाली पहाड़ियों पर चढ़ने से रोक दिया। अयप्पा मंत्रोच्चारण कर रहे प्रदर्शनकारियों ने दोनों महिलाओं को पहाड़ी के नीचे ही रोक दिया। अपने रिश्तेदारों के साथ आई इन महिलाओं की उम्र 40 के आस-पास बताई जा रही है। महिलाओं को सुरक्षित वहां से निकालने वाली पुलिस ने बताया कि दोनों महिलाओं ने सुरक्षा बलों को बताया कि वह मंदिर की परंपराओं को जाने बिना ही यहां आ गईं थी।
ये महिलाएं केरल में मंदिर घूमने आए श्रद्धालुओं के समूह का हिस्सा थीं। पुलिस ने बताया कि उन्हें निलक्कल ले जाया गया जहां उन्होंने अपना वाहन खड़ा किया था। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने 50 से ऊपर आयु वर्ग की महिलाओं को पहाड़ी पर चढ़ने दिया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले महीने 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन पर लगी सदियों पुरानी रोक हटाने संबधी फैसला देने के बाद से मासिक पूजा के लिए मंदिर के कपाट खुलने का आज पांचवा दिन था। इस बीच सबरीमाला कर्मा समिति ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने की जल्दबाजी दिखाने के लिए माकपा नीत केरल सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का निर्णय किया है।
समिति ने अपने कार्यकर्ताओं पर कथित पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ राज्य भर के पुलिस स्टेशनों तक नामजप यात्रा निकालने का आह्वान किया। सबरीमला से जुड़े एक प्रमुख श्रद्धालु केंद्र इरुमेली में सैकड़ों महिलाओं ने ऐसे ही एक विरोध मार्च में हिस्सा लिया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पी एस श्रीधरन पिल्लई ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्य सरकार से अपील की। केरल राज्य पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहेरा ने कहा कि अगले महीने से शुरू हो रहा सबरीमला तीर्थयात्रा का मौसम उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।