HAL एयरक्राफ्ट डिवीजन के 3,000 कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं
नई दिल्ली: दशकों से हवा में भारत की सैन्य शक्ति की रीढ़ की हड्डी बने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को नए ऑर्डर नहीं मिल पा रहे हैं। एचएएल में काम करने वाले कर्मचारी जल्द ही खाली बैठेने को मजबूर हो सकते हैं। पब्लिक सेक्टर यूनिट की इस कंपनी में 29,035 कर्मचारी हैं। इसमें 9,000 इंजीनियर भी शामिल हैं।
हजारों की संख्या में एचएएल के लिए काम करने वाले कर्मचारी देश के अलग अलग हिस्सों में काम करते हैं। बैंगलूरू, महाराष्ट्र के नासिक, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर और कोरवा में स्थित है। इसके साथ पश्चिम बंगाल के बराकपूर के अलावा हैदराबाद और केरल के कसरगाड में है। बैंगलूरू और नासिक में कंपनी के 10,000 कमर्चारी हैं। वहीं तुमाकुरू का हेलीकाप्टर काम्पलेक्स अभी निर्माणाधीन है। इसके बनने के बाद दूसरी यूनिटों में काम करने वाले कर्मचारियों को यहां लाया जाएगा।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, बैंगलूरू की एयरक्राफ्ट डिवीजन के 3,000 कर्मचारी खाली बैठे हैं। उनके पास कोई ऑर्डर ही नहीं है। जगुआर और मिराग को अपग्रेड करने का काम पूरा हो चुका है। अब उन्हें उम्मीद है कि एलसीए तेजस डिवीजन में लगा दिया जाएगा।
इस पर एएचएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, “हम 108 विमानों के सौदे (राफेल) को तैयार करने की उम्मीद कर रहे थे, जिनकी तैयारी की गई थी, लेकिन चूंकि यह सौदा केवल 36 विमानों तक सीमित था, जो फ्लाईवे हालत में आएंगे, इसके अलावा अभी कोई उम्मीद नहीं।”
अब इस पर एचएएल को 83 तेजस विमान का काम लेना होगा या फिर कंपनी के कर्मचारी खाली बैठ जाएंगे। जबकि रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 83 तेजस खरीद को मंजूरी दे दी है, फिर भी इसे आईएएफ से वास्तविक आदेश में परिवर्तित नहीं किया गया है।
वहीं नासिक के सुखोई काम्पलेक्स के साथ 5000 लोगों के पास आदेश तो हैं लेकिन यह सिर्फ 17 महीने तक चलेंगे। 222 सु -30 एमके -1 विमानों में से केवल 23 का अंतिम बैच डिलीवरी के लिए तैयार हो जाएगा।
गौरतलब है कि, मोदी सरकार पर कांग्रेस राफेल सौदे से अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस इस बारे में भी जवाब मांग रही है कि सरकारी कंपनी एचएएल को इस सौदे में शामिल क्यों नहीं किया गया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एचएएल को अनुबंध नहीं देकर कर्नाटक के लोगों से रोजगार छीनने का आरोप लगाया है। इसी मुद्दे पर राहुल गांधी एचएएल के कर्मचारियों से बात करने गए थे।