रामपाल को हत्या के दूसरे मामले में भी उम्रकैद की सजा और जुर्माना
हिसार: स्वयंभू संत रामपाल को हत्या के एक और मामले में बुधवार उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. रामपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर नंबर 430 के तहत ये सजा सुनाई गई है. बता दें रामपाल के आश्रम से एक महिला शव मिलने का बाद रामपाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में रामपाल समेत 13 अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. यह सभी 11 अक्टूबर को ही दोषी करार दिए जा चुके हैं. इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने 4 महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के मामले में रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
मामला उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के जखोरा गांव निवासी सुरेश की शिकायत पर दर्ज किया गया था. आरोप लगाया गया था कि हरियाणा के हिसार स्थित बरवाला गांव स्थित रामपाल के आश्रम में उनकी पत्नियों को स्वयंभू बाबा और उनके अनुयायियों ने बंदी बना रखा था और वहीं उनकी हत्या कर दी गई थी.
रामपाल पर हत्या का यह मामला 19 नवंबर 2014 को दर्ज किया गया था. इससे पहले मंगलवार को हरियाणा स्थित हिसार की एक अदालत ने हत्या के एक मामले में स्वयंभू बाबा रामपाल और उसके 14 अनुयायियों को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हिसार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी आर छलिया ने दिल्ली में बदरपुर से लगे मीठापुर इलाके में रहने वाले शिवपाल की शिकायत पर दर्ज किए गए मामले में सजा सुनायी थी. अदालत ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
अदालत ने उनपर आईपीसी की धारा 343 (गलत तरीके से बंधक बनाना) के तहत दो साल की जेल की सजा और 5,000-5,000 रुपये का जुर्माना तथा आईपीसी की धारा 120 बी(आपराधिक साजिश) के तहत उम्रकैद की सजा और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.