राम मंदिर पर बयान देने पर सुब्रमण्यम स्वामी ने थरूर को बताया ‘नीच आदमी’
नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर के ताजा बयान पर विवाद हो गया है. कांग्रेस नेता ने द हिंदू लिट फॉर लाइफ डायलॉग 2018 में कहा, 'कोई भी अच्छा हिंदू विवादित स्थान पर राम मंदिर नहीं चाहेगा. हिंदू अयोध्या को राम का जन्म स्थान मानते हैं इसलिए अच्छा हिंदू ढहाए गए पूजा स्थल पर राम मंदिर नहीं चाहेगा.' थरूर के इस बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पलटवार किया है. स्वामी ने इस बयान के लिए थरूर को 'नीच आदमी' तक कह दिया है. विवाद बढ़ने पर शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि यह उनका निजी बयान है. वे कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं जो उनकी कही बातों को पार्टी की राय मानी जाए.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि सुनंदा पुष्कर की हत्या मामले में शशि थरूर के खिलाफ चार्जशीज दायर हो चुकी है, वह नीच आदमी है. उन्हें जेल होगी. उन्होंने कहा कि थरूर को राम मंदिर और हिंदुत्व के बारे में काई जानकारी नहीं है. देश का हर साधू-संत अयोध्या में राम मंदिर बनते देखना चाहता है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी थरूर के इस बयान का समर्थन नहीं करेगी. वह खुद को इससे अलग कर लेगी. थरूर ने बिना सोचे समझे यह बयान दिया है.
इसी साल 21 सितंबर को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हिंदू धर्म की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था हिंदू एक अनोखा धर्म है और यह संशय के मौजूदा दौर के लिए अनुकूल है. थरूर ने धर्म के राजनीतिकरण की बखिया भी उधेड़ी. न्यूयॉर्क में जयपुर साहित्य महोत्सव के एक संस्करण में के बातचीत सत्र के दौरान गुरुवार को थरूर ने कहा, "हिंदूधर्म इस तथ्य पर निर्भर करता है कि कई सारी बातें ऐसी हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं." मौजूदा दौर में इसके अनुकूल होने को लेकर उन्होंने कहा, "पहली बात यह अनोखा तथ्य है कि अनिश्चितता व संशय के युग में आपके पास एक विलक्षण प्रकार का धर्म है जिसमें संशय का विशेष लाभ है."
सृजन के संबंध में उन्होंने कहा, "ऋग्वेद वस्तुत: बताता है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति कहां से हुई, किसने आकाश और धरती सबको बनाया, शायद स्वर्ग में वह जानता हो या नहीं भी जानता हो." उन्होंने कहा, "वह धर्म जो सर्वज्ञानी सृजनकर्ता पर सवाल करता हो वह मेरे विचार से आधुनिक और उत्तर आधुनिक चैतन्य के लिए अनोखा धर्म है."
उन्होंने कहा, "उससे भी बढ़कर आपके पास असाधारण दर्शनग्रहण है और चूंकि कोई नहीं जानता कि भगवान किस तरह दिखते हैं इसलिए हिंदूधर्म में हर कोई भगवान की कल्पना करने को लेकर स्वतंत्र है." कांग्रस सांसद और 'व्हाइ आई एम हिंदू' के लेखक ने उन लोगों का मसला उठाया जो स्त्री-द्वेष और भेदभाव आधारित धर्म की निंदा करते हैं. मनु की आचार संहिता के बारे में उन्होंने कहा, "इस बात के बहुत कम साक्ष्य हैं. क्या उसका पालन किया गया और इसके अनेक सूत्र विद्यमान हैं."
उन्होंने उपहास करते हुए कहा, "इन सूत्रों में मुझे नहीं लगता कि हर हिंदू कामसूत्र की भी सलाह मानते हैं." थरूर ने कहा, "प्रत्येक स्त्री विरोधी या जातीयता कथन (हिंदू धर्मग्रंथ में) के लिए मैं आपको समान रूप से पवित्र ग्रंथ दे सकता हूं, जिसमें जातीयता के विरुद्ध उपदेश दिया गया है.'