शिवपाल बोले, सेक्युलर मोर्चे की सीधी लड़ाई भाजपा से
लखनऊ: समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के अध्यक्ष शिवपाल यादव की उपस्थिति उत्तर प्रदेश में लगातार मजबूत होती जा रही है. शनिवार को लखनऊ के विश्वेश्वरैया सभागार में राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के 15 वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव भी पहुंची और अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ मंच साझा किया. इस दौरान अपर्णा यादव ने शिवपाल की जमकर तारीफ की.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव ने एकबार फिर दोहराया कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनका सीधा मुकाबला बीजेपी से है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा को 50 से ज्यादा राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है. शिवपाल ने दावा किया कि विश्वेश्वरैया सभागार में 24 राजनीतिक दलों के नेता मौजूद हैं. हम सभी बीजेपी के खिलाफ एकजुट हुए हैं.
अपनी नई पार्टी के गठन के बाद शिवपाल लगातार बोल रहे हैं कि वे बीजेपी के साथ कभी खड़े नहीं होंगे, साथ ही मौका मिला तो मैं गठबंधन का हिस्सा बनना चाहूंगा. पिछले दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें पार्टी में विलय करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन शिवपाल ने कहा कि यह हरगिज संभव नहीं है.
इन तमाम घटनाओं के बीच कुछ ऐसी भी घटनाएं हुई हैं, जिसका मतलब कुछ और निकल रहा है. 12 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश राज्य संपत्ति विभाग ने शिवपाल यादव को वह बंगला आवंटित किया है, जिसमें पहले मायावती रहती थीं. शिवपाल ने यह कहकर बंगले की मांग की थी कि वे बहुत ही सीनियर विधायक हैं और उन्हें टाइप-6 आवास की जरूरत है. सरकार ने उनकी मांगे पूरी की.
इस बीच ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि शिवपाल को बहुत जल्द जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जा सकती है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सरकार शिवपाल को भी 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा देने जा रही है. हालांकि, इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
कुल मिलाकर, इन तमाम पहलुओं पर अगर गौर करें तो कुछ महत्वपूर्ण बातें सामने आती हैं. शिवपाल यादव सपा के दिग्गज नेता रह चुके हैं, जिनका जनाधार बहुत बड़ा है. शिवपाल के साथ वे लोग ज्यादा नजर आ रहे हैं जो सपा के वर्तमान नेतृत्व से खुश नहीं हैं, या फिर खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. इसके अलावा शिवपाल लगातार कह रहे हैं कि उनका मुकाबला सीधा बीजेपी से है.
इन बातों से एक बात तो तय है कि 2019 लोकसभा चुनाव में सपा, कांग्रेस और बसपा के सुरक्षित वोटर शिवपाल की तरफ भी जा सकते हैं. इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा. नतीजे क्या आएंगे यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन जिस रणनीति से शिवपाल आगे बढ़ रहे हैं और बीजेपी पीछे से उनको सपोर्ट कर रही है, उसके मायने कुछ ऐसे ही दिख रहे हैं.