आईपी सिंह ने लखनऊ से लोकसभा के लिए ठोंकी दावेदारी, राजनाथ को बताया बाहरी
नई दिल्ली: लखनऊ में भाजपा के एक नेता ने अभी से लोकसभा सीट पर दावेदारी ठोंक दी है। 51 साल के आईपी सिंह यूपी सरकार में मंत्री और प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रह चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिख कर 2019 में लखनऊ सीट मांगी है और जीतने की गारंटी भी दी है। सिंंह ने बताया कि राजनाथ सिंह वैसे भी 2014 में बाहर से आकर लखनऊ से लड़ेे थे और यहां से उनका कोई गहरा नाता भी नहीं है। उन्हें लालजी टंडन का टिकट काट कर लड़ाया गया था। वह गृह मंत्री हैं, देश के किसी भी हिस्से से लड़ सकते हैं। उनका कहना है कि लखनऊ के 50-60 फीसदी विधायक-सांसद बाहर से आकर ही चुनाव लड़े और जीतेे हैं। ऐसे में उन जैसे स्थानीय नेता उपेक्षित रह जाते हैं।
आईपी सिंह ने शाह को 2 अक्टूबर को चिट्ठी लिखी है। उसे उन्होंने आठ अक्टूबर को सार्वजनिक किया। जनसत्ता.कॉम को उन्होंने बताया कि अभी तक इस पर उन्हें पार्टी अध्यक्ष की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि जवाब नहीं मिला तो वह मिल कर भी अपनी बात रखेंगे। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी को करना है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि वह चुनाव लड़ने की अपनी तैयारी करेंगे।
आईपी सिंह ने अपनी दावेदारी जायज ठहराते हुए बताया कि वह करीब 36 साल से लखनऊ में हैं और पार्टी के लिए हर स्थिति में काम करते रहे हैं। उनके मुताबिक आज पार्टी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में हैं, राज्य और केंद्र में प्रचंड बहुमत से जीत कर आई है। ऐसे में अब भी उन जैसे कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं मिला तो कब मिलेगा? उन्होंने बातचीत में यह भी बताया कि आडवाणी, जोशी जैसे नेता भी मुख्यधारा से हटे। ऐसे में हम जैसे नेताओं के लिए जगह तभी बनेगी जब यह परंपरा जारी रहेगी।
आईपी सिंह ने साक्षी महाराज जैसे और दूसरी पार्टी से आए नेताओं को चुनाव लड़ाने के औचित्य पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उनके साथ के जो लोग दूसरी पार्टियों में नेता थे, उन्हें उनकी पार्टी में उचित महत्व मिला, पर भाजपा में उनके साथ ऐसा नहीं हो रहा है। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बाहर से आए कई नेताओं को उम्मीदवार बनाया। इसे लेकर स्थानीय नेताओं में नाराजगी भी थी, पर वह मुखर नहीं हो सकी थी।