राजस्थान में भाजपा के बाग़ी तिवाड़ी खड़ा करेंगे ‘तीसरा दल’
नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तिथि के ऐलान के बाद अब सभी पार्टियां जोर आजमाइश की जुगत में जुट गई हैं. मगर राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के एक बागी विधायक ने एक अलग राग अलाप दिया है. दरअसल, भाजपा के बागी विधायक और अब भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी राजस्थान में ऐसा ‘तीसरा दल’ खड़ा करने की कोशिश में हैं जो आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं के लिए एक नया विकल्प बन सके. घनश्याम तिवाड़ी के अनुसार, प्रस्तावित तीसरा दल राज्य की सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़े करने की कोशिश करेगा.
छह बार के विधायक, आरएसएस विचारक, ब्राह्मण समुदाय में पैठ रखने वाले और लंबे समय तक भाजपा से जुड़े रहे तिवाड़ी का आकलन था कि, ‘राजस्थान में भाजपा की पराजय होने जा रही है लेकिन कांग्रेस इस स्थिति में नहीं होगी कि वह सरकार बना ले. ऐसे में तीसरे दल के लिए व्यापक संभावना है.’ तिवाड़ी ने कहा, ‘राजस्थान में ऐसा कोई राजनीतिक दल सक्रिय नहीं है जो तीसरा मोर्चा बनाए, इसलिए हम ‘तीसरे दल’ के गठन पर काम कर रहे हैं. इसमें वे लोग होंगे जो राजस्थान में काम कर रहे हैं या कुछ संगठन हैं जो कभी न कभी राजस्थान में सक्रिय रहे हैं… उन सबके साथ मिलकर हम 200 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेंगे.’
उन्होंने कहा कि इस संबंध में खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल सहित अन्य लोगों तथा दलों के साथ बातचीत चल रही है. तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान के समग्र विकास तथा इसे ‘बीमारू’ राज्य की श्रेणी से निकालने के लिए ‘कांग्रेस-भाजपा की द्विदलीय व्यवस्था से इतर एक तीसरे दल को खड़ा किया जाना बहुत जरूरी है क्योंकि विकास के मोर्चे पर वे ही राज्य आगे निकल रहे हैं जहां राजनीतिक मोर्चे पर ‘त्रिकोण’ बनता है.
तिवाड़ी ने राजस्थान में भाजपा की सरकार को अंगद का पांव बताए जाने संबंधी बयान के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया, ‘न तो अमित शाह और न ही (मुख्यमंत्री) वसुंधरा राजे में लोकशाही की भावना है. दोनों ही तानाशाह हैं.’ उन्होंने कहा ‘शाह का यह कहना, कि मुख्यमंत्री मैं बनाऊंगा, राजस्थान की जनता का अपमान है. इस तरह की बात करना लोकतंत्र को चुनौती देना है. इस चुनौती का राजस्थान की जनता मुनासिब जवाब देगी.’ उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.