लखनऊ: रिहाई मंच ने कहा कि सूबे की राजधानी में सगे भाइयों इमरान और अरमान की हुई हत्या ने साफ कर दिया कि यूपी में गुण्डों का राज है। सूबे में सिलसिलेवार हो रही हत्याओं के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं जिनके पास गृह मंत्रालय भी है। मंच ने कहा कि एक तरफ विवेक के हत्यारे के लिए पुलिस चंदा बटोर रही है और दूसरी तरफ थाने के बगल में हत्या हो जाती है। यह दुर्भाग्य की बात है कि सीएम-पीएम का बयान तो दूर, एक ट्विट भी नहीं आता। रिहाई मंच के प्रतिनिधि मंडल ने मिश्री की बगिया में मृतकों के परिजनों से मुलकात की। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एडीजी लखनऊ जोन से कल मुलाकात की जाएगी।

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि घटना को दो दिन बीत चुके हैं और हत्यारों के साक्ष्य सीसीटीवी में कैद होने के बावजूद अभी तक दोनों नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह स्थानीय पुलिस की संलिप्तता को दर्षाता है। उन्होंने याद दिलाया कि विवेक तिवारी की हत्या करने के बाद आरोपी दिन भर पुलिस की गोद में अस्पताल से लेकर थाने तक मीडिया को इंटरव्यू देता रहा जबकि डीजीपी झूठ बोलते रहे कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मुहम्मद शुऐब ने कहा कि भाजपा की राजनीति ने जाति व सम्प्रदाय के नाम पर हत्या और हत्यारों को अच्छा-बुरा की श्रेणी में खड़ा किया है जोे इंसानियत के लिए बड़ा खतरा है। इसके खिलाफ मिलजुलकर लड़ना होगा।

रिहाई मंच ने मांग की कि तत्काल हत्यारोपियों की गिरफ्तारी करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया जाए जिससे आम नागरिक अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें। प्रतिनिधिमंडल में राबिन वर्मा, रफीक सुल्तान, वीरेन्द्र गुप्ता, बांकेलाल यादव, जियाउद्दीन, जीषान, मोहम्मद आमिर और राजीव यादव शामिल थे।