पहले किसानों पर दिखाई बर्बरता फिर सरकार ने मानीं मांगे
नई दिल्ली: ऋण माफी और स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने समेत कई मांगों को सरकार से मनवाने के लिए हरिद्वार से किसान पदयात्रा पर जबरदस्ती राजधानी दिल्ली की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे हजारों की तादाद में आए किसानों के ऊपर मंगवार की सुबह लाठीचार्ज, हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस घटना के बाद किसान यूनियन के प्रतिनिधि और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच किसानों की मांगों को लेकर व्यापक चर्चा हुई।
गृहमंत्री से किसान नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं के सामने आए केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा- "गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसान के नेताओं से मुलाकात की और उनकी मांगों पर चर्चा कर ज्यादातर मुद्दों पर आपसी सहमति बनी। यूपी के मंत्री लक्ष्मी नारायण जी, सुरेश राणा जी और मैं किसानों से मिलने जाऊंगा।"
इससे पहले, राजधानी दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही पानी की बौछारें और हवाई फायरिंग की गई और प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली-यूपी सीमा के पास से तितर-बितर कर दिया गया। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले अपनी 15 सूत्री मांगों को सरकार से मनवाने के लिए हरिद्वार से नौ दिन पहले चले किसान मंगलवार की सुबह से राजधानी दिल्ली घुसने के लिए अमादा है।
वे दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर करीब 20 हजार की संख्या में डटे हुए थे। उधर, दूसरी तरफ इन किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में दिल्ली से लगती सीमा के पास पुलिसबल को तैनात किया गया। साथ ही, कई जगहों पर धारा 144 भी लगाई गई।
गाजियाबाद के डीएम के मुताबिक, हजारों की तादाद में जुटे किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की तरफ से किए गए बल प्रयोग में दो प्रदर्शन घायल हुए। आंसू गैस वाटर कैनन से घायल किसानों को एमएमजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। उधर, किसानों पर किए गए बल प्रयोग के बाद राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह पीड़ितों के समर्थन में यूपी गेट (गाजीपुर) के लिए पहुंच गए हैं।
किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बर्बरतापूर्वक सलूक किया गया। उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस छोड़े गए। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं।
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा- इससे दोबारा इस बात की पुष्टि होती है कि केन्द्र सरकार किसान विरोधी है। संकट से जूझ रहे किसानों को राहत देने की बजाय उन्हें ऋण के बोझ और सुसाइड की ओर धकेला जा रहा है। हमने स्वतंत्रता दिवस के बाद से आज तक कभी ऐसा नहीं देखा।
उधर, किसानों पर बल प्रयोग के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवल ने सवाल उठाते हए कहा कि इन प्रदर्शनकारी किसानों को आखिर क्यों रोका जा रहा है? केजरीवाल ने कहा कि यह गलत है। हम किसानों के साथ है।