सबक अच्छे-सच्चे पुस्तक मेले में बच्चे ही बच्चे
लखनऊ: अच्छे-सच्चे सबक के लिए सबसे ज़्यादा मार्गदर्शन की जरूरत नई पीढ़ी और आज के नवयुवाओं को है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की थीम पर आधारित राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल लान में चल रहा सोलहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला ये दायित्व अच्छी तरह निभा रहा है। गांधी जयंती पर आज मेले में उमड़े लोगों में बच्चों की तादाद खूब थी और उसकी वजह थी यहां उपलब्ध बाल साहित्य और सामग्री।
दि फेडरेशन आॅफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली के सहयोग से हो रहे के.टी.फाउण्डेशन व फोर्सवन का यह आयोजन रोज सुबह 11 से रात नौ बजे तक चल रहा है। मेले का आज पांचवां दिन था और बापू की जयंती पर आज यहां आयोजक और कई स्टालधारक विशेष रूप से खादी वस्त्रों में थे। आज उमड़े पुस्तक प्रेमियों की बदौलत मेले का सेल्फी प्वाइंट लगातार व्यस्त रहा और मेले के दोनों मंचों से गांधी के कुछ न कुछ संदेश अवश्य श्रोताओं तक गए।
यू ंतो मेले में बच्चों की सामग्री लगभग हर स्टाल पर मिल जाएगी पी, प्रकाशन विभाग के स्टाल पर चिल्डेªन्स रामायणा से लेकर प्रेरक व्यक्त्विों पर रोचक किताबों के साथ ही करीब-करीब हर प्रदेश की लोककथाओं की ढेरों पुस्तकें हिन्दी-अंग्रेज़ी में हैं। स्कालर्स हब का स्टाल तो पूरी तरह बच्चों की किताबों के लिए ही समर्पित है। ग्राॅलियर के स्टाल पर बच्चों के अभिभावकों को नई शैली की पुस्तकों के सेट के बारे में जानते समझते देखा जा सकता है। राजपाल के स्टाल पर अमृतलाल नागर की नचखट चाची के संग ही काला घोड़ा, बहादुर टाम, तीसमार खां व जंगल की कहानी जैसी विश्वप्रसिद्ध बाल कहानियों की किताबें हैं। सुभाष पुस्तक के स्टाल पर भी बच्चों की स्तरीय किताबें दोनों भाषाओं में हैं। गौतम बुक में पहेलियों, लघुकथाओं के अलावा लोक बालकथाएं, सच्ची खुशी, अक्ल बड़ी या भैंस, चांद सा महल और ज्ञानवर्धक पहेलियों की किताबें हैं। अध्यात्म से जुड़े स्टालों पर भी प्रेरक बाल साहित्य है। इसके अलावा मेले में कुतुबनुमा, वर्नियर कैलिपर्स, पेंचमापी, प्रिज्म, टेलीस्कोप, माइक्रोस्कोप जैसे वैज्ञानिक उपकरणों, पजल्स, खिलौनों, गेम्स और स्टिकर्स के स्टाल हैं जो बच्चों को लुभा रहे हैं। मेले में आज चिरंजीव भारती स्कूल आशियाना के बच्चे, शिक्षकों और कर्मियों के साथ आए। उनकी तरह कुछ अन्य स्कूलों के बच्चों ने यहां कार्यक्रमों में भाग लिया। साथ ही स्कूल के लिए किताबें भी खरीदीं।
मेले के गांधी बाल एवं युवा मंच पर ज्योतिकिरन रतन के संयोजन में आज चली प्रतियोगिताओं में वागीशा, यीशु वर्मा, दिया राय, स्तुति, स्वरा, शाइनी, वरण्या, अध्यांशी, सृजाम्या, सौम्या, अंशिका, अन्वेषा, अनिका, पलक, तन्वी, हिमानी, प्रियांशी, दर्शित, यशलोक, रिदिमा विभांशु वर्मा और जाह्नवी ने बापू और देशभक्ति पर केन्द्रित बन्दें में था दम जैसे गीतों नृत्य व गायन प्रस्तुतियां दीं। इसी मंच पर अश्लेषा, प्रीति व श्रद्धा के निर्देशन में समूह नृत्य हुआ।
आज के आयोजनों में सुबह भक्ति योग पर चर्चा के बाद डा.रश्मि श्रीवास्तव की किताब महात्मा गांधी का शिक्षा चिंतन का लोकार्पण हुआ। विनीता शुक्ला के काव्यसंग्रह एक्वेरियम की मछलियां का लोकार्पण समारोह अमिता दुबे, देवकीनंदन शांत आदि की उपस्थिति में काव्यमय रहा। आसमां की छांव में अभियान की ओर से आयोजित काव्यांजलि समारोह में आशुतोष बाजपेयी, संजय मिश्र शौक, ज्ञानप्रकाश आकुल, आदर्श सिंह निखिल, चन्द्रेश शेखर शुक्ल, अमरनाथ ललित, ज्ञानेन्द्र वत्सल, स्वयं श्रीवास्तव, गौरव त्रिवेदी, दीपक अवस्थी, विनयप्रकाश मिश्र, धीरज मिश्र, संदेश तिवारी व विशाल समर्पित आमंत्रित थे।