नीरव मोदी की 637 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्तियां, जूलरी, बैंक खाते अटैच
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्यारोपी और हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का चाबुक चल गया है। सोमवार (एक अक्टूबर) को नियामक संस्था ने उसकी विदेशी संपत्तियां अटैच कर लीं। नीरव ने हॉन्ग-कॉन्ग, अमेरिका, ब्रिटेन और स्विजरलैंड में कई जगहों पर संपत्तियां रखी थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तकरीबन 637 करोड़ रुपए की जूलरी और बैंक खाते भी अटैच कर लिए गए हैं, जबकि 22.69 करोड़ रुपए के हीरे के गहने वापस लाए जा रहे हैं।
“नीरव की भारत के अलावा चार अन्य जगहों (विदेशों में) पर 637 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच कर ली गई हैं।” एएनआई के अनुसार, न्यू यॉर्क में नीरव की दो अचल संपत्तियां प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा पांच के तहत ईडी ने अटैच कर ली हैं। इनकी कीमत लगभग 216 करोड़ रुपए के आसपास है। इडी ने इसके अलावा हीरा कारोबारी के पांच ओवरसीज खाते, जिनमें 278 करोड़ रुपए शेष राशि और दक्षिणी मुंबई में 19.5 करोड़ रुपए का फ्लैट अटैच किया है। वहीं, 22.69 करोड़ रुपए की हीरों से जड़ी जूलरी हॉन्ग-कॉन्ग से भारत लाई जा रही है।
आपको बता दें कि पिछले महीने ईडी ने नीरव की लगभग चार हजार करोड़ रुपए की विदेशी संपत्तियों की पहचान की थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इससे पहले वित्त मंत्रालय अरुण जेटली को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने वित्त सचिव हसमुख अधिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कहा था। स्वामी ने आरोप लगाया- अधिया भ्रष्ट गतिविधियों में सम्मिलित थे। उन्हीं के कारण हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भारत से भागने में कामयाब रहे।
बीजेपी सांसद के मुताबिक, “अधिया अभी भी नीरव के संपर्क में हैं। वह उन्हें लगातार बचाते आ रहे हैं।” स्वामी ने जेटली से अपील की है कि अधिया के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 197 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 19 के तहत मुकदमा चलाया जाए।
स्वामी ने उससे पहले एएनआई से कहा था, “अधिया न सिर्फ भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल हैं। बल्कि वह पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष सोनिया गांधी को बचाने में लगे हैं। नेशनल हेराल्ड, इनकम टैक्स संबंधी मामले में जिन अधिकारियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई करना चाहा, उनका ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने एक युवा राजस्व सेवा अधिकारी का तबादला कर दिया, जो कि अच्छा काम कर रहा था।”