हाय मंहगाई! सरकार ने बढ़ाई घरेलू सब्सिडी और गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमतें
नई दिल्ली: पेट्रोल डीज़ल के बाद अब सरकार ने घरेलू सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमत में भी इजाफा कर दिया है। सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमत में 2.89 रुपए की वृद्धि हुई है। सब्सिडी गैस सिलेंडर अब 499 रुपए 51 पैसे के बजाए 502 रुपए 40 पैसे का मिलेगा। वही गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमत में 59 रुपए प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है। यह कीमत आज आधी रात से लागू हो गई है। गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमत 820 से बढ़कर 879 रुपए प्रति सिलेंडर हो गई है।
इंडियन ऑयल ने एक बयान जारी कर कहा है कि गैस सिलेंडर की कीमत में इज़ाफ़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उछाल को देखते हुए लिया गया है। सब्सिडी सिलेंडर की लिए उपभोक्ता को अब 879 रुपए देने होंगे। इसलिए उपभोक्ता के बैंक खाते में 376.60 रुपए प्रति सिलेंडर जाएंगे। जबकि अभी तक 320.49 रुपए प्रति सिलेंडर उपभोक्ता के खाते में जमा होते थे।
त्योहारों के दौरान टीवी-फ्रिज आदि सामान महंगे नहीं होंगे। टिकाऊ उपभोक्ता सामान निर्माता कंपनियों ने कहा है कि वे सीमाशुल्क वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर नहीं डालेंगी। रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बावजूद पैनासोनिक, हायर, गोदरेज अप्लायंसेज और बीएसएच हाउसहोल्ड जैसी कंपनियों ने कहा है कि वे लागत का बोझ खुद वहन करेंगी। इन कंपनियों को त्योहारी सीजन में बिक्री में दस प्रतिशत से अधिक वृद्धि की उम्मीद है।
गौरतलब है कि एयर कंडीशनर, टीवी, रेफ्रिजरेटर तथा वॉशिंग मशीन और उनके कलपुर्जों पर आयात शुल्क दस से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही कंप्रेसर पर भी सीमा शुल्क बढ़ा है। अगस्त की जीएसटी बैठक में ज्यादातर उत्पादों पर शुल्क दस फीसदी कम किए जाने के बाद इन कंपनियों ने दाम में सात से आठ फीसदी की कमी भी की थी।
पैनासोनिक इंडिया के सीईओ मनीष शर्मा ने कहा कि कंप्रेसर की कीमतों में वृद्धि से फ्रिज और एसी के दाम निश्चित रूप से प्रभावित होंगे। हालांकि हम इस वृद्धि का अधिकतम बोझ खुद उठा रहे हैं। त्योहारी सीजन के बाद ही हम कीमतों में संशोधन पर विचार करेंगे। गोदरेज के कारोबार प्रमुख कमल नंदी ने कहा कि शुल्क से कीमतों पर अगर कुछ प्रभाव पड़ता भी है, तो भी हम दाम नहीं बढ़ाएंगे। हायर इंडिया के अध्यक्ष एरिक ब्रैगेंजा और बीएचएच हाउसहोल्ड अप्लायंसेज के एमडी गुंजन श्रीवास्तव ने भी कहा कि दाम बढ़ाने की बजाय हम अपने ग्राहकों के लिए विशेष फाइनेंस योजनाओं की पेशकश करेंगे।
त्योहारी सीजन की शुरुआत ओणम से होती है और यह दुर्गा पूजा से दिवाली तक रहती है। टिकाऊ उपभोक्ता सामान कंपनियों की सालाना बिक्री में से करीब 25 प्रतिशत त्योहारी सीजन में हासिल होती है।