FMCG सेक्टर में संभावनाओं के साथ चुनौतियाँ भी हैं
IILM में एफ.एम.सी.जी. सेक्टर पर सेमिनार का आयोजन
लखनऊ: गोमती नगर स्थित आई.आई.एल.एम. एकेडमी आॅफ हायर लर्निंग में आज एफ.एम.सी.जी. सेक्टर पर आधारित एक सेमिनार का आयोजन किया गया ।
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य छात्रों को एफ.एम.सी.जी. क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना और इस क्षेत्र में संभावित रोजगार के अवसरों की जानकारी प्रदान करना था। छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करने के लिए आई.आई.एल.एम. एकेडमी आॅफ हायर लर्निंग लखनऊ ने कारपोरेट जगत के उन वक्ताओं को आमन्त्रित किया जिन्हे एफ.एम.सी.जी. सेक्टर में अच्छा खासा अनुभव है।
इस अवसर पर बोलते हुए डीन डा0 शीतल शर्मा ने एक्सपर्ट का स्वागत किया, उन्होंने बताया कि आई.आई.एल.एम. अपने छात्रो के चहुमुखी विकास करने हेतु तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता है जिसका उद्देश्य छात्रो को प्लेसमेन्ट के लिए तैयार करना है। सेक्टर आफ द मंथ इस संस्थान का नवीनतम प्रयास है जिसके अन्र्तगत सभी कार्यक्रम जैसे गेस्टलेक्चर, सेमिनार, प्रोजेक्ट, केसस्टडीज, क्वीज, आदि का आयोजन एक ही सेक्टर पर फोकस देकर किया जाता है। अगस्त 2018 माह के लिए एफ.एम.सी.जी. सेक्टर का चुनाव किया गया।
छात्रों को सम्बोधित करते हुए अदानी विल्मार लखनऊ जोनल मैनेजर शक्ति प्रताप सिंह ने किसी युवा प्रबन्धन प्रशिक्षु के एफ.एम.सी.जी. कम्पनी मे योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैरियर के प्रारम्भिक वर्ष चुनौतियों से भरे होते है। छात्रों को अपने कैरियर के शुरूआती दौर में बहुत ज्यादा आरामदायक नौकरी की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए तथा अपना ध्यान सीखने और एफ.एम.सी.जी. क्षेत्र मे होने वाले परिवर्तनों से अवगत रहने पर लगाना चाहिए ताकि भविष्य की सफलता और विकास मे कोई बाधा न आये।
प्रोफेसर सचिन श्रीवास्तव एसोसिएट प्रोफेसर आई.आई.एल.एम. लखनऊ ने छात्रों से अनुभव साझा करते हुए एफ.एम.सी.जी. क्षेत्र मे रोजगार के लिए आवश्यक स्किल्स पर प्रकाश डाला। उन्होनें बताया कि एफ.एम.सी.जी. सेक्टर संभावनाओं और अवसरो से परिपूर्ण है परन्तु कम्पनियाॅं उन्हीं युवाओं को नौकरी देने मे रूची दिखाती है जो चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।
छात्रो ने सभी एक्सपर्ट से प्रश्न पूछे व अपनी जिज्ञासा के अनुरूप पूर्णजानकारी प्राप्त की। अन्त में प्रोफेसर प्रकाश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सेमिनार का संचालन आई.आई.एल.एम. के छात्रों सौरभ सिंह एवं नभजीत कौर ने किया।