चक्का जाम करने पर मजबूर न करे सरकार: त्रिलोक सिंह
नौ सूत्रीय मांगों को लेकर राजकीय वाहन चालकों का विरोध जारी, लोनिवि में गेट सभा
लखनऊ: बीस सितम्बर से जारी राजकीय वाहन चालक महासंघ के बैनर तले काला फीता बाॅधकर विरोध कर रहे राजकीय वाहन चालकों का विरोध निरन्तर जारी है। लोक निर्माण विभाग चालक संघ ने आज विरोध स्वरूप प्रदेष अध्यक्ष त्रिलोक सिंह की अध्यक्षता में गेट सभा की। इस सभा को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष और महासंघ के सलाहकार त्रिलोक सिंह ने कहा कि आठ दिन बीत जाने पर भी सरकार राजकीय वाहन चालकों के संदर्भ में कोई विचार नही कर रही है। यह उपेक्षा ठीक नही है। उन्होेंने कहा कि सरकार हमें चक्का जाम करने पर मजबूर न करें। उन्होंने कहा कि सरकार सबसे पहले चालकों की भर्ती रोकने सम्बंधी आदेश को वापस ले। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से एक संवर्ग पूरी तरह नाराज है जिसका खमियाजा आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ दल के सामने आएगा। सभा का संचालन कर रहे संगठन मंत्री रमेश सिंह ने कहा कि ग्रेड पे 1900 की जगह 2000 और प्रदेष के समस्त राजकीय विभागों में चालक के लगभग 35 प्रतिषत रिक्त पदों पर भर्ती सहित नौ सूत्रीय मांगों पर आदेश न होने पर 4 अक्टूबर से ‘‘वर्क टू रूल ’’ आन्दोलन के लिए राजकीय वाहन चालक तैयार है।
लोनिवि चालक संघ के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने बताया कि नौ सूत्रीय मांगों को लेकर महासंघ के प्रतिनिधि मण्डल की अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ 27 जुलाई 18 को वार्ता में सहमति बनी थी कुछ मांगों को वित्त विभाग संदर्भित किया गया था लेकिन अब तक कोई आदेश जारी नही हुए। उ.प्र. राजकीय वाहन चालकों को मौलिक नियुक्ति का ग्रेड वेतन 1900 के स्थान पर 2000 रूपये ,उत्तराखण्ड सरकार की भाति राजकीय वाहन चालकों की प्रतिषत व्यवस्था को समाप्त करने, स्टाॅफ कार चालक पदोन्नति स्कीम से अनुपात हटाये जाने।चालकों के रिक्त पदो पर भर्ती,पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली, सरकारी गाड़ी का बीमा कराने, सरकारी गाड़ी सफाई का भत्ता चालक को दिये जाने, चालक पद पर भर्ती नियम में संशोधन किये जाने, सरकारी वाहन का दुरूप्रयोग करना बन्द किये जाने, निजी गाड़ियों को टैक्सी में चलाना बंद कराने, चालकों के भत्ते एवं समयोपरि भत्ते की बढ़ोत्तरी के अनुसार किये जाने, इन्टर मीडियट राजकीय वाहन चालकों को लिपिक या अन्य संवर्ग में 20 प्रतिषत आरक्षण सुनिश्चित किये जाने और राजकीय वाहन चालकों से सम्बंधित समस्त शासनादेष निगमों, परिषदों,स्थानीय निकायों, कारपोरेशन व प्राधिकरणों में यथावत लागू किये जाने और निर्वाचन डियुटी के दौरान राजकीय वाहन की मरम्मत हेतु विभागीय मद से देय धनराशि को 1000 की जगह 5000 दिये जाने की मांग मुख्य है। गेट सभा में उप सविच आकिल रजा, संयुक्त सचिव पद पर जयप्रकाष, राजेन्द्र सिंह, प्रचार मंत्री शिवराज पाण्डेय और मण्डल अध्यक्ष पद पर दिनेश कुमार और मण्डल मंत्री पद पर लालता प्रसाद वर्मा उपाध्यक्ष मोहम्मद युसूफ, , संगठन मंत्री रमेश सिंह, सुशील कुमार, कोषाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रमेश दीक्षित, अशोक कुमार शुक्ला, ठाकुर प्रसाद, शिवराज पाण्डेय,हसीम खॅा, ललिता प्रसाद वर्मा,शम्भू सिंह चैहान और लक्ष्मीकांत मौजूद थे। उधर महासंघ के अध्यक्ष रामफेर पाण्डेय ने बताया कि सिंचाई, कृषि स्वास्थ्य, आबकारी, लेखा परीक्षा, सूचना एवं जनसम्पर्क, वाणिज्यकर विभाग,सहकारिता, आवास विकास, राजस्व परिषद, कलेक्ट्रेट, राज्य निर्वाचन आयोग सहित महासंघ से सम्बंधित विभागों में महामंत्री मिठाई लाल, रामविलास यादव, त्रिलोक सिंह, जयप्रकाश यादव, शकील अहमद, कैलास साहू, कैलास सिंह, ओपी तिवारी, सुशील कुमार सिंह, सरवर अली, वीरेन्द्र सिंह, अरविन्द सिंह बिष्ट, गोपाल अनिल कुमार मिश्रा रामनरेश मौर्या, सोहन यादव, मोहन गुप्ता, शशिकांत राय, सुशील कुमार सिंह, सूरज यादव, प्रेमप्रकाश, राजकुमार गुप्ता, निर्मल कुमार सोनकर, रामशंकर यादव, सिंह के नेतृत्व में काला फीता बाॅधकर विरोध प्रदर्शन जारी है। जनपदों में भी विरोध प्रदर्शन के साथ चार अक्टूबर से ‘‘वर्क टू रूल ‘‘ की तैयारी व्यापक स्तर पर की जारी रही हैं जिसकी समीक्षा जनपद एवं मण्डल अध्यक्ष मंत्री कर रहे है।