किताबें छोड़ती है हृदय पर छापः डा.पाण्डेय
महात्मा गांधी डेढ़ सौंवी जयंती की थीम पर मोतीमहल लान में सोलहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला शुरू
लखनऊ: आज के डिजिटल युग में भी प्राचीनकाल से चली आ रही दृश्यकाव्य और पाठ्यकाव्य की महत्ता कम नहीं हुई है। सोशल मीडिया से संपादित होकर जो चीजें पहुंचती हैं उनका भी महत्व है पर पुस्तकें मन के भीतर जो स्थायी भाव पैदा करती हैं, उसकी अनुभूति और महत्व कभी खत्म नहीं हो सकता।
ये उद्गार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा.महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान में जवानी की दहलीज पर कदम रख चुके सोलहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। मेला यहां सात अक्टूबर तक रोज सुबह 11 से रात नौ बजे तक चलेगा। दि फेडरेशन आॅफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली के सहयोग से हो रहे के.टी.फाउण्डेशन व फोर्सवन के इस आयोजन में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की थीम पर आधारित इस निःशुल्क प्रवेश वाले मेले में हमेशा की तरह न्यूनतम 10 फीसदी की छूट हर पुस्तक पर मिलेगी।
उद्घाटन सम्बोधन में डा.पाण्डेय ने आगे कहा कि पुस्तकें पढ़ने से हृदय में जो बोध होता है उसकी छाप लम्बे समय तक रहती है। ऐसे आयोजन वृहत स्तर पर बराबर होते रहने चाहिए। किताबों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता। इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने पिछले आयोजनों की चर्चा करते हुए उद्देश्य पर प्रकाश डाला। संयोजिका आस्था ढल ने पिता व संस्थापक स्वर्गीय उमेश ढल को याद करतें हुए सभी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। आयोजकों ने कहा कि मेला पुस्तक संस्कृति विकसित करने के साथ ही प्रदेश की साहित्य और खेल प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहित कर रही है। इस वर्ष रायबरेली की एथलीट सुधा सिंह को पहली अक्टूबर को प्रदेश गौरव सम्मान से नवाजा जायेगा। भाषा उन्नयन की दृष्टि से सप्ताह भर यहां उर्दू भाषा सिखाई जाएगी और अंतिम दिन अरबी भाषा कार्यशाला होगी। इससे पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन व भारत दीक्षित ने मेले की भ्रमण कर आयोजकों को बधाई दी। बिंदु जैन के संचालन में चले उद्घाटन समारोह में समाजसेवी सुधीर हलवासिया, आलोक अवस्थी, मुरलीधर आहूजा एडवोकेट रामजी दास, टीपी हवेलिया, राकेश जैन, आकर्षण जैन, ज्योति किरन रतन आदि उपस्थित थे। महात्मा गांधी की थीम पर केन्द्रित मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज रूपा-जयदेव और साथियों ने बापू के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तैणे कहिए… गाकर की। फिर कलाकारों ने अटल बिहारी बाजपेयी और नीरज के गीतोें का मधुर गायन किया।
इसबार पुस्तक मेले में प्रभात, राजकमल, किताबघर, राजपाल, सामयिक, लोकभारती, मुुंशीराम मनोहरलाल, गौतम बुक्स, इण्डियन सोशल इंस्टीट्यूट, प्रकाशन संस्थान, साहित्य भण्डार इलाहाबाद, उ.प्र.हिन्दी संस्थान, एस चांद एडूटेक, अग्रवाल पब्लिकेशन, रामकृष्ण मिशन, गायत्री ज्ञान मंदिर, स्काॅलर हब, गिडियाॅन्स, तिरुमाला साफ्टवेयर, आदि के स्टाल तो होंगे ही, साथ ही कई नये संस्थान शामिल हैं। गंगा जमुनी तहजीब के शहर में चलने वाले इस पुस्तक मेले में नृत्य, गीत, गजल, संगीत के विशिष्ट कार्यक्रम, कवि सम्मेलन-मुशायरा, धनुर्विद्या प्रदर्शन और आत्मरक्षा प्रषिक्षण कार्यशाला जैसे कार्यक्रम हांेगे। मेले में हमेशा की तरह इस वर्ष भी स्थानीय लेखकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था है। यहां गांधी बाल एवं युवा मंच पर ड्राइंग, फैंसी ड्रेस, नृत्य-गायन, श्लोक वाचन, वादन, लेखन, क्विज, खादी परिधान आदि की बाल व नवयुवा प्रतियोगिताओं का अलग रंग दिखाई देगा। मुख्य सांस्कृतिक मंच पर पुस्तकों के विमोचन, लेखक से मिलिए, साहित्यिक परिचर्चा कार्यक्रम आदि विविध मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।